छत्तीसगढ़ में पहली फॉरेनर एक्ट के तहत मामला दर्ज: बांग्लादेश से आकर प्रदेश में कर रहे थे चोरी… घटना को अंजाम देने वाले 2 बांग्लादेशी सहित अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्कर गिरफ्तार

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महासमुंद। छत्तीसगढ़ में पहली बार विदेशियों विषयक अधिनियम (फॉरेनर एक्ट) के तहत मामला दर्ज करते हुए महासमुंद पुलिस ने बांग्लादेशी चोर गिरोह और अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्कर को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। यह गिरोह चोरी की घटनाओं को अंजाम देने के साथ ही मानव तस्करी में भी संलिप्त था।

महासमुंद पुलिस के मुताबिक मुख्य आरोपी मिलन मंडल और मो. शफीक शेख उर्फ बाबू शेख बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले के रहने वाले हैं। ये दोनों भारत में अवैध रूप से रहकर बर्तन बेचने की आड़ में मकानों की रेकी कर चोरी की घटनाओं को अंजाम देते थे। उनके साथ अंतरराष्ट्रीय मानव तस्कर अफसर मंडल और चोरी का माल खरीदने वाले जयदेव करमाकर को भी गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ थाना सरायपाली में विदेशी नागरिक अधिनियम की धारा 14, 14A के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं, चोरी के अन्य मामलों में थाना बसना और सांकरा में धारा 331(4), 305 (ए) बीएनएस के तहत प्रकरण दर्ज किए गए हैं।

पकड़े गए आरोपियों ने महासमुंद जिले के सांकरा, बसना और सरायपाली थाना क्षेत्रों में चोरी की नौ घटनाओं को अंजाम दिया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से हीरा, सोने-चांदी के आभूषण, नकदी और चोरी में प्रयुक्त मोटरसाइकिल सहित कुल 59.05 लाख रुपये का मशरूका जब्त किया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर अन्य सामान की भी जानकारी जुटा रही है।

इस पूरे गिरोह का मुख्य आरोपी मिलन मंडल वर्ष 2003 से 10 बार अवैध रूप से भारत आ चुका है। अपनी पहचान छिपाने के लिए उसने 2015 में फर्जी पैन कार्ड और 2016 में कर्नाटक के पते पर आधार कार्ड बनवाया था। वह पहले भी रायगढ़ जिले में चोरी के मामले में जेल जा चुका है। पुलिस उसके संपर्क की भी जानकारी जुटा रही है। इससे और भी आरोपियों के पकड़े जाने की बात कही जा रही है। पुलिस जांच में पता चला कि अंतरराष्ट्रीय मानव तस्कर अफसर मंडल अवैध रूप से लोगों को बांग्लादेश से भारत और भारत से बांग्लादेश भेजने का काम करता था। चोरी से मिली रकम को वह हवाला नेटवर्क के जरिए बांग्लादेश भेजता था। इस मामले में पश्चिम बंगाल के गणेश बर्मन नामक व्यक्ति की भी संलिप्तता सामने आई है, जो महिलाओं के जरिए चोरी की रकम सीमा पार करवाता था।

चोरी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, टॉवर डंप और मुखबिरों की मदद से आरोपियों की तलाश शुरू की। पुलिस को सूचना मिली कि संदिग्ध लोग सरायपाली के सुपर लॉज में ठहरे हुए हैं। वहां दबिश देने पर आरोपियों ने अपराध स्वीकार कर लिया। इसके बाद पुलिस टीम ने पश्चिम बंगाल जाकर अफसर मंडल और जयदेव करमाकर को गिरफ्तार किया और चोरी का सोना बरामद किया। गिरफ्तारी की इस महत्वपूर्ण कार्रवाई में अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) बागबाहरा मिलिन पाण्डेय के नेतृत्व में थाना प्रभारी बसना निरीक्षक नरेन्द्र राठौर, निरीक्षक शशांक पौराणिक, थाना प्रभारी सांकरा निरीक्षक राणा सिंह ठाकुर, सायबर सेल प्रभारी उपनिरीक्षक संतोष सिंह सहित पुलिस टीम के अन्य सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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