जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय इन दिनों बस्तर दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों के साथ कैंप में रात बिताई। साय ऐसा करने वाले प्रदेश के पहले सीएम हैं। बस्तरिया बटालियन कैंप सेड़वा में सीएम साय सोमवार की रात जवानों के साथ रुके और सुरक्षा बलों से मुलाकात कर उनका उत्साह बढ़ाया।

बता दें कि नक्सल विरोधी मोर्चे पर छत्तीसगढ़ सरकार केंद्र सरकार की मंशा के अनुसार प्रभावी कार्रवाई करते हुए निर्णायक बढ़त हासिल की है। इस अभियान में राज्य पुलिस के साथ ही सीआरपीएफ, बीएसफ, आईटीबीपी एवं अन्य केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के जवान योजनाबद्ध तरीके से जुटे हुए हैं। बस्तर इलाके में इसके सकारात्मक परिणाम भी दिख रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में साय सरकार के आने के बाद नक्सलियों के खिलाफ अभियान में तेजी आई है। 10 महीने में बस्तर संभाग के अंदरूनी एवं सीमावर्ती क्षेत्र में 30 मुठभेड़ हुई, जिनमें 5 डीकेएसजेडसी, 10 डीवीसी, 35 एसीएम स्तर के कैडर सहित कुल 197 माओवादी मारे गए हैं। इस दौरान राज्य सरकार ने नक्सलियों के लिए आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास योजना शुरू की है। इससे प्रभावित होकर 740 से अधिक माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। हिंसा छोड़कर अब वे सामान्य जीवन जी रहे हैं।
बस्तरिया बटालियन में 712 स्थानीय
बस्तर क्षेत्र के युवाओं को अपने क्षेत्र की रक्षा में भागीदारी के लिए केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2017 को बस्तरिया बटालियन 241 वाहिनी सीआरपीएफ गठित की। भर्ती प्रक्रिया एवं प्रशिक्षण के बाद 15 जून 2018 को बस्तर के सेड़वा गांव में वाहिनी का मुख्यालय स्थापित किया गया। 712 बस्तरिया बटालियन में 234 महिला बल हैं। ये सभी दक्षिण बस्तर के मिनपा, डूब्बामरका, कोंडापल्ली, तुमालपाड़, टेकलगुडेम एवं पूवर्ती जैसे क्रिटिकल बेस कैंपों में सीआरपीएफ, कोबरा, डीआरजी, एसटीएफ बस्तर फाइटर के साथ तैनात हैं।