रायपुर। सूबे की राजनीती इस वक्त सेंट्रल एजेंसीयों के छापेमारी के कार्रवाई से गरमाई हुई है। आज सुबह-सुबह ED ने छत्तीसगढ़ के कई जिलों में दबिश दी है। जिसमे कई बड़े IAS अधिकारी, कांग्रेस नेता और कोयला कारोबारी शामिल है। इस कार्रवाई को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने एक बयान जारी कर कहा था की- “भाजपा सीधी लड़ाई नहीं लड़ पा रही है। इसलिए सेंट्रल जाँच एजेंसियों का सहारा ले रही है। ईडी-आईटी की कार्रवाई से डराने की कोशिश कर रही है। चुनाव तक इस तरह की कार्रवाई होगी, लेकिन जनता जान चुकी है। केंद्र में बैठी भाजपा सरकार कैसे सेंट्रल जाँच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। 6 हजार करोड़ के चिटफंड घोटाला पर ईडी-आईटी की कार्रवाई क्यों नहीं होती?।


इस बयान पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा-
- देश और दुनिया के सामने छत्तीसगढ़ शर्मसार हुआ है।
- हमने कल्पना नहीं की थी कि चालीस-चालीस अधिकारियों के यहाँ छापा पड़ेगा।
- राज्य सरकार सोनिया गांधी का एटीएम है।
- 25 रुपए प्रति टन की दर से कोयले पर वसूली चल रही है। कोरबा में पान वाला, चाय वाला सब जानते हैं। यह किसी से छिपा नहीं है।
- सच सामने आएगा। कुछ भी नहीं छिपेगा।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह की अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा-
- पंजा छाप अधिकारी संभल जाए। भ्रष्टाचार में लिप्त रहेंगे तो ऐसी ही कार्रवाई होगी।
- ये लोग कहते थे कि ईडी आएगी। अब ईडी आया तो धमाके के साथ आया। साक्ष्य लेकर आया।
- बीजेपी सीधी लड़ाई लड़ रही है। हम अपनी लड़ाई लड़ ही रहें है। पूरे देश में लड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में जनता भी अब सब समझ रही है।
- चिटफ़ंड में छह हज़ार करोड़ के भूपेश बघेल के आरोप पर रमन सिंह ने कहा कि चार साल से सरकार उनकी है। पुलिस उनकी है। क्या कर लिया?
- मैं बार-बार कहता था कि कलेक्टर का काम राज्य में कलेक्टिंग एजेंट की तरह है। इस छापे से ये बात साफ़ हो गई।


