भिलाई में लोन दिलाने के नाम पर 1 मिलियन का फ्रॉड: खुद को बताया बैंक कर्मचारी, चेक देना पड़ा भारी… दुर्ग पुलिस ने UK से किया गिरफ्तार

दुर्ग-भिलाई। दुर्ग पुलिस ने लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। आरोपी का नाम अमित कुमार श्रीवास्तव है, जो अब न्यायिक रिमांड पर सलाखों के पीछे है। पुलिस ने आरोपी को उत्तराखंड (UK) से अरेस्ट किया है। पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि, जितेन्द्र सिंह वशिष्ठ ने एक आवेदन पत्र प्रस्तुत कर रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी अमित कुमार श्रीवास्तव ने स्वयं को स्टेंट बैंक भिलाई सेक्टर-1 में लोन डिपार्टमेंट का कर्मचारी बताकर जितेन्द्र सिंह को लोन दिलाने का झांसा दिया। मामला नेवई थाना क्षेत्र का है। आरोपी अमित कुमार श्रीवास्तव (42) के खिलाफ धारा: 420, 409 भादवि के तहत मामला दर्ज किया गया है।

आरोपी ने दस्तावेज और 2 लाख रुपये लेकर जितेन्द्र सिंह को होम फर्स्ट फायनेंस बैंक से 19,46,000 रुपये का लोन प्राप्त करवा दिया। इसके बाद, आरोपी ने सिक्योरिटी के तौर पर 7 चेक बैंक ऑफ बड़ौदा से लिए, जिसमें से एक चेक को लगा कर 10,00,000 रुपये अपने खाते में जमा कर लिए। पूछताछ के दौरान, आरोपी ने रकम वापस करने का झांसा देकर फोन बंद कर दिया और परिवार सहित कहीं और चला गया।

प्रार्थी की रिपोर्ट पर आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया। अपराध की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस अधीक्षक दुर्ग जितेन्द्र शुक्ला ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अति. पुलिस अधीक्षक (शहर) सुखनंदन राठौर, नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई सत्यप्रकाश तिवारी और थाना प्रभारी नेवई आनंद शुक्ला की नेतृत्व में एक टीम गठित की गई।

आरोपी की तलाश की गई, जो घटना के बाद से मोबाईल नंबर बंद कर फरार था। आरोपी नागपुर में रहने के बाद ऋषिकेश उत्तराखण्ड में पाए जाने की सूचना पर टीम रवाना की गई। आरोपी को पूछताछ हेतु थाना लाया गया, जहाँ उसने अपराध करना स्वीकार कर लिया और प्राप्त रकम को खर्च करने की बात स्वीकार की। इसके बाद, प्रकरण में धारा 409 भादवि जोड़ी गई और आरोपी को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में जेल भेजा गया। इस कार्यवाही में निरीक्षक आनंद शुक्ला (थाना प्रभारी), सउनि रामचंद कंवर, आरक्षक भानुप्रताप यादव, लक्ष्मीनारायण, संतोष कोमा, छत्रपाल वर्मा, हेमषंकर और ओमप्रकाश श्रीवास का विशेष योगदान रहा।

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