भिलाई। कैंप-2 के बैकुंठधाम में इन दिनों ने रोजाना शाम को वाराणसी के काशी और ऋषिकेश के गंगा घाट पर होने वाली आरती के जैसा नजारा देखने को मिल रहा है। यहां पर नौ दिवसीय श्री राज राजेश्वरी महायज्ञ का आयोजन किया गया है। आयोजन समिति द्वारा ही रोजाना शाम को सात बजे से भव्य गंगा आरती कर रही है। इसमें वाराणसी के पांच पुजारी काशी घाट की तरह ही गंगा आरती कर रहे हैं।
श्री राज राजेश्वरी महायज्ञ के संयोजक आशुतोष गोस्वामी ने बताया कि इसके पहले वे अपने समूह के सदस्यों के साथ मिलकर हरियाणा, त्रिपुरा और असम में शिवशक्ति महायज्ञ का आयोजन कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि यज्ञ सनातन धर्म का मूल है। इसे बढ़ावा देने के लिए वे अलग-अलग शहरों में जाकर महायज्ञ आयोजित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस यज्ञ में शामिल होने के लिए किसी प्रकार का शुल्क देय नहीं है। जो भी चाहे, वे इसमें सम्मिलित होकर धर्म लाभ ले सकता है। यज्ञाचार्य आनंद देव की अगुवाई में नौ पुजारी रोजाना सुबह आठ से दोपहर 12 बजे तक महायज्ञ कर रहे हैं। इसके बाद शाम चार से साढ़े छह बजे तक भगवताचार्य आचार्य देवेंद्र द्विवेदी श्रीमद्भागवत कथा का वाचन कर रहे हैं। इसके बाद शाम को सात बजे से पांच पुजारी गंगा आरती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 30 मार्च की सुबह नौ बजे पूर्णाहुति के साथ ही महायज्ञ का समापन होगा। बैकुंठधाम के संस्थापक राजेंद्र सिंह अरोरा ने बताया कि इस आयोजन में शहर के सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। विशेषकर शाम को होने वाली गंगा आरती को देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं।