भिलाई। गोल्डन वॉयस अवार्ड सीजन-4 का पुरस्कार वितरण समारोह सिविक सेन्टर के प्रगति भवन में हुआ. ख्यातिलब्ध वरिष्ठ हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत शिक्षिका अलका देशपांडे कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं. आकाशवाणी एवं दूरदर्शन कलाकार पीटी उल्लास कुमार, बीएसपी ओए के अध्यक्ष नरेन्द्र बंछोर विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे. इस अवसर पर नयनदीप विद्यालय के दृष्टिबाधित बच्चों ने ऐसी प्रस्तुतियां दीं कि अतिथियों सहित श्रोताओं की आंखें नम हो गई.

मुख्य अतिथि देशपांडे ने कहा कि अमूमन वे किसी कार्यक्रम में नहीं जातीं पर यहां आकर वे अभिभूत हो गई हैं. नयनदीप के विद्यार्थियों, उनके पालकों एवं शिक्षक को साधुवाद देते हुए उन्होंने कहा कि ये बच्चे अपनी हुनर के सहारे बहुत आगे तक जाएंगे. इनमें से प्रत्येक बच्चे की प्रस्तुति के बाद वे स्वयं मंच पर आकर उन्हें गले लगाती रहीं. उन्होंने गोल्डन वॉयस अवार्ड के प्रतिभागियों को भी गीतों को कई-कई बार सुनने और रियाज़ प्रतिदिन करने का मशवरा दिया.
कंठशिल्पी पीटी उल्लास कुमार ने कलाकारों को मंच उपलब्ध कराने के लिए गोल्डन वॉयस समूह को साधुवाद दिया. उन्होंने कहा कि अपनी आवाज की किसी और के साथ तुलना मत कीजिए. मुकेशजी, रफी साहब, किशोरदा, लताजी, आशाजी, सब अपनी अपनी आवाज से शोहरत की बुलंदियों तक पहुंचे. अपना ध्यान सुर-ताल-भाव पर रखें और प्रतिदिन रियाज से उसे पहले से बेहतर बनाएं.
ओए के अध्यक्ष, सेफी चेयरमेन तथा एनसीओए के वर्किंग प्रेसीडेंट नरेन्द्र बंछोर ने कहा कि भिलाई प्रतिभाओं की खान है. यहां से प्रत्येक विधा में लोग निकलते रहे हैं जिन्होंने देश दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है. कला एवं संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए भी बीएसपी ने कई प्रयास किये हैं. उन्होंने कहा कि संगीत जीवन को नए आयाम देता है और गोल्डन वॉयस स्टूडियो आने वाली पीढ़ी को मंच प्रदान कर इसे मूर्त रूप दे रहा है.
इस अवसर पर गोल्डन वॉयस सीजन-4 के विजेताओं की घोषणा की गई एवं उपस्थित प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. ऑनलाइन आयोजित इस प्रतियोगिता में देशभर से प्रतिभागी जुड़ते हैं. 60 वर्ष से अधिक आयुवर्ग का प्रथम पुरस्कार चंडीगढ़ के डॉ राजू धीर को प्रदान किया गया. द्वितीय पुरस्कार भिलाई के सुखबीर सिंह ब्रोका एवं तृतीय पुरस्कार औरंगाबाद के कृष्णा फड़के को प्रदान किया गया. इसी आयुवर्ग में युगल का प्रथम पुरस्कार भिलाई की अलका शर्मा एवं विवेक अग्रवाल को तथा द्वितीय पुरस्कार दुर्ग के पारिजात झा एवं रजनी आर्य को प्रदान किया गया.
30 से 60 वर्ष आयु वर्ग का प्रथम पुरस्कार भिलाई के ए अजीत, द्वितीय पुरस्कार भिलाई के ही अक्षय फिलिप तथा अलका शर्मा एवं तृतीय पुरस्कार दुर्ग के संदीप देशपांडे को प्रदान किया गया. इस आयु वर्ग में युगल गायन का प्रथम पुरस्कार इंदौर निवासी नीलम मनवानी तथा द्वितीय पुरस्कार दुर्ग के ईश्वर दयाल चन्द्राकर को प्रदान किया गया. 30 वर्ष से कम आयुवर्ग का प्रथम पुरस्कार जलगांव महाराष्ट्र की धनश्री कुलकर्णी एवं द्वितीय पुरस्कार विजय कुमार को दिया गया. इस वर्ग में युगल का पुरस्कार भी धनश्री एवं सिद्धि कुलकर्णी को प्रदान किया गया.
इस अवसर पर ओए के महासचिव परविन्दर सिंह एवं प्रो. देशपांडे, डॉ अलका दास, श्रीमती गीता श्रीवास्तव विशेष रूप से उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन गोल्डन वायस की संगीता मिश्रा एवं पल्लवी अग्रवाल ने किया. धन्यवाद ज्ञापन गोल्डन वॉयस स्टूडियो के संस्थापक दीपक रंजन दास ने दिया. कोर कमेटी के अन्य सदस्य प्रवीन्द्र सिंह सलारिया तथा डॉ. शशिभूषण साहू ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान किया. अतिथियों का शाल एवं स्मृति चिन्ह से सम्मान भी नयनदीप स्कूल के प्रतिभागियों ने किया.
नयनदीप के विद्यार्थियों ने किया भावुक
रोटली क्लब द्वारा संचालित नयनदीप स्कूल के दृष्टिबाधित विद्यार्थियों ने अपनी सुरमयी प्रस्तुतियों से श्रोताओं को भावुक कर दिया. मुख्य अतिथि ने प्रत्येक प्रस्तुति के बाद मंच पर जाकर बच्चों की सराहना की. कई बार भावातिरेक में उनका स्वर रूंध गया और वे बच्चों को सीने से लगाए निस्तब्ध खड़ी रहीं. इन बच्चों में अनमोल चंद्राकर, लेमन बोरकर, आयुष गुप्ता, भूमिका साहू एवं विवेक यादव शामिल थे. इन्हें लेकर उनकी संगीत शिक्षिका सुरधारा की ज्योत ध्रुव एवं रोटरी क्लब के श्री वाजवा उपस्थित हुए थे.