BSP में काम करने वाले ठेका श्रमिकों के लिए राहतभरी खबर…अस्पतालों में निशुल्क उपचार को लेकर जरूरी अपडेट, प्रबंधन ने किया MOU

भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ठेका श्रमिकों के कल्याणार्थ समय-समय पर विभिन्न सुविधाएं प्रदान करती आ रही है। संयंत्र में कार्यरत ठेका श्रमिकों को ईएसआईसी सुविधा के तहत स्वास्थ्य सुविधाएं पहले से ही उपलब्ध है। संयंत्र में कार्यरत इन ठेका श्रमिकों को ईएसआईसी के डिस्पेंसरीज तथा ईएसआईसी के टाई-अप अस्पतालों में निःशुल्क चिकित्सा उपलब्ध है। परन्तु संयंत्र के माइंस क्षेत्रों में ईएसआईसी की सुविधा नहीं होने के कारण माइंस के ठेका श्रमिकों को ईएसआईसी के अस्पतालों में चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही थी। इसको ध्यान में रखते हुए माइंस क्षेत्र में कार्यरत ठेका श्रमिकों के लिए बीएसपी प्रबंधन ने एक नई पहल प्रारंभ की है।

संयंत्र टाउनशिप, प्रोजेक्ट एरिया में काम करने वाले ठेका श्रमिक जो भिलाई नगर निगम के क्षेत्रों में निवासरत हैं उनके लिए ईएसआईसी के प्रावधान लागू हैं। इसके अंतर्गत सम्बन्धित ठेकेदार द्वारा श्रमिकों के मासिक वेतन की 3.25 प्रतिशत राशि तथा श्रमिकों द्वारा अपने वेतन की 0.75 प्रतिशत राशि ईएसआईसी को दी जाती है।

एवज में श्रमिकों तथा उनके पात्र आश्रितों को ईएसआईसी के डिस्पेंसरीज में मुफ्त चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाती है साथ ही साथ रिफरल की सुविधा (ईएसआईसी के टाई-अप अस्पतालों में) भी मुहैया भी कराई जाती है।

विदित हो कि संवैधानिक प्रावधानों के तहत संयंत्र के माइंस क्षेत्र में ईएसआईसी की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के चलते खदान क्षेत्र के ठेका श्रमिक तथा उनके परिजन मेडिकल सुविधा से वंचित थे। एक संवेदनशील संस्थान के रूप में बीएसपी ने माइंस क्षेत्र के ठेका श्रमिकों की इस असुविधा को देखते हुए इस समस्या के समुचित समाधान हेतु पहल प्रारंभ करते हुए राजहरा व नंदिनी माइंस में कार्यरत ठेका श्रमिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए स्थानीय अस्पतालों के साथ ओपीडी सुविधा प्रदान करने हेतु अस्पतालों का चयनित किया गया है। माइंस क्षेत्र में ईएसआईसी के प्रावधान लागू न होने के बावजूद भी इन्हें चिकित्सकीय लाभ प्राप्त हो सके।

इस संदर्भ में ज्ञात हो कि ईएसआईसी सुविधा संवैधानिक प्रावधानों के तहत खदान क्षेत्र में उपलब्ध नहीं है। अतः खदान क्षेत्रों में कार्य करने वाले श्रमिक चिकित्सा सुविधा से वंचित रहते थे। इस समस्या के समाधान की दिशा में एक पहल की गई है जिसके अंतर्गत ठेकेदार द्वारा श्रमिकों के मासिक वेतन की 3.25 प्रतिशत राशि के बराबर एक मद तैयार कर उसका उपयोग खदान क्षेत्र के चयनित अस्पतालों में स्वयं तथा आश्रितों (जिनका नाम राशन कार्ड में दर्ज है) को केवल ओपीडी सुविधा प्रदान करने के लिए किया जायेगा।

यदि किसी श्रमिक को आईपीडी ट्रीटमेंट की जरूरत होगी तो उन्हें आयुष्मान कार्ड (पीएमजेएवाई) योजना के अंतर्गत चयनित अस्पतालों के द्वारा रेफर किया जायेगा। इलाज का खर्च भिलाई इस्पात संयंत्र वहन नहीं करेगी।

इसी क्रम में लौह अयस्क समूह, राजहरा में सकारात्मक पहल के रूप में कार्यरत ठेका श्रमिकों जो ईएसआईसी की सुविधा से वंचित थे उन्हें चिकित्सा सुविधा देने हेतु दल्ली राजहरा के शहीद अस्पताल व ज्योति अस्पताल के साथ समझौता संपन्न हुआ। इसी प्रकार का समझौता नंदिनी माइंस में भी किया गया है। इस प्रकार माइंस क्षेत्र में ईएसआईसी सुविधा लागू नहीं होने के कारण यहां के ठेका श्रमिकों को होने वाली असुविधा से निजात पाने हेतु एक सकारात्मक प्रयास किया गया है।

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