दुर्ग। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका ने दुर्ग जिले के धमधा ब्लॉक के धौराभाठा स्थित एसजे फॉर्म हाउस का भ्रमण किया, जहां 550 एकड़ खेतों में की जा रही जैविक खेती और कृषि की नई तकनीक को देखा और उसकी सराहना भी की। राज्यपाल ने प्रदेशवासियों के लिए इसे प्रेरणादायक बताते हुए सभी से जैविक खेती करने का आग्रह किया है। इस दौरान राज्यपाल डेका ने फॉर्म हाउस में पौधारोपण भी किया। बता दें कि इस एसजे फॉर्म में सीताफल, ड्रैगन फ्रूड, अमरूद, खजूर समेत कई प्रकार के फलों व फसलों की खेती की जाती है, जिनकी डिमांड मेट्रो सिटी तक है।

10 एकड़ में बना है तालाब, गांवों का बढ़ा वाटर लेवल
फॉर्म हाउस के चेयरमैन अनिल शर्मा ने भ्रमण के दौरान राज्यपाल डेका को जैविक खेती के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यहां कई बोर खनन कराया गया, जो फेल रहा। इसके बाद 10 एकड़ में तालाब का निर्माण किया, फिर 550 एकड़ में 8-़10 परिवार मिलकर सामूहिक जैविक खेती कर रहे हैं। तालाब बनाने से आसपास के गांवों का वाटर लेवल भी बढ़ा है, जिससे गांवों में पानी की कोई कमी नहीं है।
फॉर्म हाउस में ही गौशाला, गौ-मूत्र और गोबर से बनाते हैं जैविक खाद
अनिल शर्मा ने राज्यपाल को बताया कि फाॅर्म हाउस में गौशाला भी है, जहां के गायों के मूत्र और गोबर का उपयोग जैविक खाद बनाने में करते हैं। इस जैविक खाद का उपयोग फार्म हाउस में करते हैं। फार्म हाउस में करीब 185 एकड़ खेत में सीताफल लगाए हैं। इसका प्रोसेसिंग यूनिट भी है। 60 एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं। हमारे यहां का सीताफल, ड्रैगन फ्रूट, अमरूद समेत अन्य फल मेट्रो सिटी दिल्ली, मुंबई, बिहार, झारखंड समेत अन्य शहरों में जाता है। उन्होंने बताया कि अभी करीब तीन एकड़ में खजूर की खेती कर रहे हैं।