दुर्ग जिले में सीमांकन पर बढ़िया काम: 90% से ज्यादा सीमांकन के मामले तय समय में निपटाए गए…कलेक्टर डॉ. भुरे लगातार कर रहे मॉनीटरिंग

भिलाई। राजस्व प्रकरणों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को निर्देशित किया था कि सीमांकन के प्रकरण समय सीमा पर निपटाए जाएं और जल्द से जल्द तिथि देकर सीमांकन के प्रकरणों पर कार्रवाई की जाए। दुर्ग जिले में इसके अनुपालन में युद्ध स्तर पर कार्य किए गए और 90 प्रतिशत से अधिक प्रकरणों को समय सीमा पर निपटा लिया गया।

जनवरी माह से जून माह में अब तक की प्रगति देखें तो 3116 मामले सीमांकन के लगाए गए। इन मामलों में 2811 मामले समय सीमा पर निराकृत कर दिए गए। केवल 93 मामले ही समय सीमा से बाहर लंबित हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए अपर कलेक्टर श्रीमती पद्मिनी भोई ने बताया कि कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देश पर सभी न्यायालयों से सीमांकन प्रकरणों की सूची मंगाई गई।

इन प्रकरणों को जल्द हल करने के लिए समय सीमा निर्धारित की गई। इसके बाद निराकरण के विषय में लगातार मॉनिटरिंग की गई। इसके अलावा नोडल अधिकारी भी लगातार राजस्व न्यायालयों में जाकर सीमांकन संबंधी कार्यों की प्रगति देखते रहे। इसका अच्छा नतीजा सामने आया और सीमांकन संबंधी प्रकरण तेजी से निराकृत हो गए।

भोई ने बताया कि कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक में 15 जून तक सीमांकन के प्रकरणों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद हर सप्ताह राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली गई। हर राजस्व न्यायालय की मॉनिटरिंग के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए। सभी न्यायालयों में सीमांकन संबंधी प्रकरणों की समीक्षा की जाती रही।
जिन न्यायालयों में प्रगति अपेक्षित प्रगति नहीं दिखाई गई थी उन पर गंभीर रूप से ध्यान दिया गया और तेजी से प्रकरणों के निराकरण के निर्देश दिए गए। इसका अच्छा असर हुआ और सीमांकन संबंधी अधिकांश मामले समय पर निराकृत हो गए।

कितने आवेदन हुए निराकृत – दुर्ग ब्लॉक में 1739 आवेदन सीमांकन के आए जिनमें 1578 आवेदन निराकृत हो गए। धमधा ब्लाक में 580 आवेदन सीमा जिनमें 543 निराकृत हो गए। पाटन ब्लाक में 797 आवेदन सीमांकन के आए, इनमें 690 आवेदन निराकृत हो गए। आवेदनों के निराकरण का प्रतिशत दुर्ग में 90.74, धमधा में 93.62 तथा पाटन में 86.57 प्रतिशत रहा।

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