बलौदाबाजार। बिना अनुमति के संचालित निजी चिकित्सा संस्थानों में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दबिश दी और नोटिस देकर अनुमति लेने के अंतिम चेतावनी दी। बता दें कि कलेक्टर दीपक सोनी ने बिना किसी वैध अनुमति से जिले में संचालित निजी अस्पताल और डायग्नोस्टिक सेंटरों पर कार्रवाई के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए थे।

कलेक्टर के निर्देश पर कसडोल विकासखंड के 12 चिकित्सा संस्थानों में नर्सिंग होम एक्ट के प्रावधानों के तहत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश कुमार अवस्थी के मार्गदर्शन में टीम ने दबिश देकर निरीक्षण किया। साथ ही नोटिस देकर विधिवत अनुमति लेने की अंतिम चेतावनी दी। सीएमएचओ ने बताया, जिले में बिना अनुमति के खोले गए संस्थानों के निरीक्षण के लिए टीम का गठन किया गया है। आज इस टीम ने ही दबिश दी। परीक्षण के दौरान इन संस्थानों द्वारा बिना नर्सिंग होम एक्ट में पंजीयन संचालन करना पाया गया है। इसके लिए उन्हें नोटिस दिया गया।
दोबारा दोषी पाने पर हो सकती है जेल
नोटिस में उल्लेख है कि बिना अनुमति संस्था का संचालन करने पर प्रथम बार संचालक पर राज्य उपचर्या गृह तथा रोगोपचार सम्बंधी स्थापनाएं अनुज्ञापन नियम 2010 के अध्याय एक के नियम 4 के अनुसार 20 हज़ार के जुर्माने का प्रावधान है। दूसरी बार ऐसा करते पाए जाने पर दोष सिद्ध होने पर 03 वर्ष का कारावास और 50 हजार जुर्माना अथवा दोनों के भागी होंगे।
इन संस्थानाओं को थमाया नोटिस
जिन संस्थाओं की जांच की गई उसमें वर्मा पैथोलॉजी कटगी, गायत्री क्लीनिक कटगी, गुप्ता क्लीनिक कटगी, क्योर बे ई क्लीनिक कसडोल, रामगोपाल साहू लैब कसडोल, शर्मा मेटा पैथोलॉजी कसडोल, सिटी डेंटल केयर कसडोल, कबीर पैथोलोजी कसडोल, वासु पैथोलॉजी छांछी, ओम हेल्थ सेंटर छांछी, श्री रत्ना क्लीनिक कसडोल मानस पैथोलॉजी कसडोल शामिल हैं। सीएमएचओ के अनुसार आगे भी जिले में यह जांच जारी रहेगी और बिना अनुमति संचालित संस्थाओं पर कार्रवाई की जाएगी। जांच टीम में डॉ कल्याण सिंह कुरुवंशी जिला नोडल अधिकारी नर्सिंग होम, डॉ रवि शंकर अजगल्ले बीएमओ कसडोल, नूतन प्रकाश प्रधान, स्टेनो व दीपक चंद्रवंशी बायो मेडिकल इंजीनियर शामिल रहे।