हाईकोर्ट का बड़ा फैसला : डीएलएड डिप्लोमाधारियों को मिलेगी नौकरी, एक अप्रैल से पहले भर्ती पूरी करने का आदेश

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने डीएलएड डिप्लोमाधारक सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया में हो रही देरी पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए राज्य शासन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 1 अप्रैल से पहले भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए।

कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद नियुक्ति प्रक्रिया में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। न्यायमूर्ति अरविंद वर्मा ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को व्यक्तिगत रूप से । अप्रैल को अदालत में उपस्थित होने का आदेश भी दिया है। यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि छत्तीसगढ़ में लंबे समय से डीएलएड डिप्लोमाधारकों की नियुक्ति को लेकर विवाद चल रहा था।

बीएड शिक्षकों की सेवा समाप्त, डीएलएड डिप्लोमाधारकों को मिलेगी नियुक्ति

सुप्रीम कोर्ट ने पहले बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को बर्खास्त करने का आदेश दिया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने डीएलएड डिप्लोमाधारकों की नियुक्ति का निर्देश दिया था। पिछले दिनों बीएड के आधार पर चयनित सहायक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं। इसके बाद, उन स्कूलों में जहां पद खाली हुए हैं, डीएलएड डिप्लोमाधारकों की नियुक्ति की जाएगी।

नौकरी के लिए तैयारी: 18 मार्च को शाला आबंटन की सूची जारी होगी

जिन जिलों में बीएड शिक्षकों की सेवा समाप्त की गई है, वहां डीएलएड अभ्यर्थियों की भर्ती की जाएगी। इस भर्ती प्रक्रिया के तहत 2621 डीएलएड अभ्यर्थियों को नौकरी मिलेगी। शाला आबंटन की सूची 18 मार्च को जारी की जाएगी। इसके बाद, अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन 19 से 26 मार्च तक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में किया जाएगा।

राज्य सरकार को मिली चेतावनी: यदि प्रक्रिया में देरी हुई तो होगी कड़ी कार्रवाई

कोर्ट ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि समय पर आदेश का पालन नहीं किया गया, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में कुल 900 पद रिक्त हैं। कोर्ट ने राज्य शासन से रिक्त पदों की पूरी जानकारी के साथ रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

नवीन भर्ती प्रक्रियाः इस बार नहीं होगी ऑनलाइन काउंसलिंग

पहले शिक्षक भर्ती के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग होती थी, लेकिन इस बार काउंसलिंग प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। अब काउंसलिंग की जगह, जिन जिलों में बीएड के आधार पर नियुक्त शिक्षकों की सेवा समाप्त की गई है, वहां उतनी ही संख्या में डीएलएड डिप्लोमाधारकों की संवर्गवार (अनारक्षित, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और ओबीसी) नियुक्ति की जाएगी।

Exit mobile version