दुर्ग में धधकती भट्ठी में गिरने से मजदुर की खौफनाक मौत: अचानक फर्नेस में हुआ ब्लास्ट… जलते हुए फर्नेस में जा गिरा युवक, ऊपर से पिघला हुआ लोहा भी गिरा; मजदूरों ने फक्ट्री पर लगाया ये आरोप

दुर्ग। दुर्ग के इंडस्ट्रियल एरिया रसमड़ा के एक प्लांट में मजदुर जिन्दा जल गया। ये हादसा मंगलवार रात को हुआ। रसमड़ा स्थित जेडी स्टील प्राइवेट लिमिटेड इस्पात में जलती हुई भट्ठी में एक मजदूर गिर गया। इस वजह से जिंदा जलकर उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मजदूरों ने इस मौत के लिए कंपनी प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है। मजदूरों ने प्लांट के बाहर जमकर हंगामा किया। पुलिस के दखल के बाद मजदुर शांत हुए। ये घटना अंजोरा पुलिस चौकी क्षेत्र का है। पुलिस के अनुसार, कर्मचारी की पहचान जितेंद्र भुइंया उम्र 24 साल निवासी अधारा थाना प्रतापपुर जिला कोतरा झारखंड के रूप में हुई है। मजदूर जेडी इस्पात प्राइवेट लिमिटेड में बॉडी मैन के पद पर कार्यत था।

मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार रात करीब 7-8 बजे अचानक फर्नेस में ब्लास्ट हुआ। इसके बाद जितेंद्र भागा और हड़बड़ाहट में बगल में जलते हुए दूसरे फर्नेस में जा गिरा। बगल में स्थित फर्नेस का पिघला हुआ लोहा उस फर्नेस में गिर गया, जिसमें जितेंद्र गिरा था। गर्म लोहा गिरते ही वह जिंदा जल गया। मौत के बाद मौके पर हंगामा मच गया। हादसे में मौत के बाद फैक्ट्री के सभी कर्मचारी आक्रोशित हो गए। वे फैक्ट्री के बाहर बैठकर आंदोलन करने लगे। उन्होंने पीड़ित परिवार के लिए उचित मुआवजे की मांग की। सूचना मिलते ही अंजोरा चौकी समेत दूसरे थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। बड़ी मुश्किल से उन्होंने मजदूरों और उनके परिजन को शांत कराया। जितेंद्र मूलतः झारखंड का रहने वाला था। वह दुर्ग में अपने परिवार के साथ रह रहा था और जेडी इस्पात में काम करता था। जितेंद्र की दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी तीन साल और छोटी बेटी 2 साल की है। परिजन झारखंड से आज दुर्ग पहुंचेंगे। उसके बाद शव को गृह ग्राम ले जाकर अंतिम संस्कार किया जाएगा।

मजदूर का शव भट्ठी से बाहर निकाला गया। इसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल स्थित मॉर्च्युरी में भेजा गया। बुधवार को शव का पोस्टमॉर्टम कराकर परिजनों को सौंपा जाएगा। जेडी इस्पात दुर्ग जिले की बड़ी और नामी इस्पात कंपनी है। इसके बाद भी यहां सेफ्टी को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है। कर्मचारियों का आरोप है कि बार-बार मांग करने के बाद भी कंपनी उन्हें सेफ्टी उपकरण नहीं देती है। घटना के समय जितेंद्र भी बिना सेफ्टी बेल्ट या उपकरण के काम कर रहा था। अगर वह सेफ्टी उपकरण से लैस होता, तो उसकी जान बच सकती थी। कर्मचारियों ने कंपनी प्रबंधन पर मजदूर की हत्या का आरोप लगाया। उन्होंने कंपनी के मालिक पर FIR दर्ज करने की मांग की।

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