3 बच्चों की मां को हुआ 10 साल छोटे ट्रेनर से प्यार: बॉयफ्रेंड के लिए पति और 4 बच्चों को उतारा था मौत के घाट… अब मिली उम्रकैद की सजा… पढ़िए ये क्राइम स्टोरी

बॉयफ्रेंड के लिए पति और 4 बच्चों को उतारा था मौत के घाट

क्राइम डेस्क। अलवर के बहुचर्चित शिवाजीपार्क क्षेत्र में 2017 में हुए पांच लोगों की हत्या मामले का फैसला आया जिसमें आरोपी महिला संध्या उर्फ संतोष और हनुमान उर्फ जैकब को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, महिला ने खाने के साथ रायते में नशीली गोलियां मिलाकर सबको सुला दिया था और घर का दरवाजा खुला छोड़ दिया था जिसके बाद उसके प्रेमी हनुमान ने दो सुपारी किलर्स के साथ आकर ताबड़तोड़ चाकुओं से हमला कर पांचों की हत्या कर दी थी. इससे पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गयी थी.

बता दें कि साल 2017 में आरोपी संतोष उर्फ संध्या ने अपने से 10 साल छोटे प्रेमी हनुमान के साथ मिलकर पति, 3 बेटों और भतीजे की हत्या कर दी थी. दरअसल प्यार में रोड़ा बन रहे महिला के पति और बड़े बेटे को ही मारने का प्लान बनाया गया था. मगर बाद में आरोपी संतोष के सामने ही उसके ब्वॉयफ्रेंड हनुमान ने परिवार के 5 लोगों को जानवरों को काटने वाले छुरे से गला काटकर मारडाला। इतना ही नहीं परिवार के पांच लोगों की हत्या के बाद भी आरोपी संतोष रातभर लाशों के पास बैठी रही.

अलवर के शिवाजी पार्क थाना क्षेत्र में 2-3 अक्टूबर 2017 की रात को 36 वर्षीय युवती संध्या उर्फ संतोष ने अपने प्रेमी हनुमान उर्फ जैकब के साथ मिलकर पति और चार बच्चों की हत्या कर दी थी, हनुमान के साथ दो अन्य आरोपी भी इस वारदात में शामिल थे. 36 वर्षीय महिला संध्या उर्फ संतोष ताइक्वांडो खिलाड़ी थी उसके प्रशिक्षण के दौरान हनुमान उर्फ जैकब से अनैतिक सम्बन्ध हो गए थे, इसका पता उसके पति और बड़े बेटे को चल गया था. जिसके चलते दोनों ने मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया.

इस मामले में पुलिस ने संध्या उर्फ सन्तोष ,हनुमान उर्फ जैकब सहित दो नाबालिग सुपारी किलर्स को गिरफ्तार किया था, इस मामले में पीड़ित पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट सुनील झालानी एवं राज्य सरकार की तरफ से नियुक्त पीड़ित पक्ष के वकील अशोक शर्मा ने बताया मामले में न्यायालय से इसे रेयर केस जघन्य अपराध मानते हुए फांसी की मांग की गई थी, लेकिन न्यायाधीश ने इसमें फैसला सुनाते हुए दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है इसमे धारा 302 और 120 बी में दोषी मानते हुए उम्रकैद, धारा 460 में दस साल और 201 में 4 साल की सजा सुनाई गई है.

वहीं इस मामले में अभियुक्त हनुमान उर्फ जैकब की पैरवी कर रहे एडवोकेट हेमराज गुप्ता ने कहा इस मामले में आगे जाएंगे क्योंकि ऐसे कोई सीधे साक्ष्य नहीं मिले हैं जिसमें हनुमान द्वारा हत्या किए जाने के प्रमाण हो , इसलिए उसे बरी किया जाना चाहिए था.

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