बालोद के शिक्षक को नॉवेल लिखने में लग गए 35 साल, जानिए क्या है खास…

बालोद। बालोद जिले के एक शिक्षक ने पढ़ाने के साथ अपने अंदर के हुनर को जीवित रखने एक नॉवेल लिखा है. ये उनकी पहली किताब है, जिसे लिखने में उन्हें 35 साल लग गए. इस टीचर का नाम प्रदीप कुमार मेश्राम है, जो डौंडीलोहारा के सरकारी स्कूल में व्याख्याता के पद पर पदस्थ है. उन्हें लिखना काफी पसंद है, इसलिए शिक्षण कार्य के साथ साथ अपनी कलम भी आजमाते हैं.

इस शिक्षक ने ‘स्वप्न – एक रहस्य कथा’ नाम का नॉवेल लिखा है. इस नॉवेल के साथ वह जिले के पहले ऐसे व्यक्ति बन गए हैं, जिनकी किताब को ई-कॉमर्स साइट पर काफी पसंद किया जा रहा है.

प्रदीप कुमार मेश्राम ने बताया कि स्कूल का काम खत्म करने के बाद खाली समय में वे किताब लिखते हैं. अपने 35 साल की मेहनत से उन्हेंने नॉवेल स्वप्न एक रहस्य कथा लिखी, जो हाल ही में छपी. वे कहते हैं ” उनकी किताब हर उम्र वर्ग के लोग पढ़ सकते हैं. उनके नॉवेल में वल्गैरिटी को बिल्कुल भी जगह नहीं दी गई है. ये किताब सपनों को हकीकत के रूप में लोगों के सामने प्रदर्शित करती है.”

प्रदीप कुमार मेश्राम ने बताया कि इस नोवेल को लिखने में 35 साल का लंबा समय लगा, लेकिन वे खुश हैं कि देर से ही सही लेकिन उन्होंने अपने नोवेल के लेखन को आगाज से अंजाम तक पहुंचाया.

3 – 4 प्रोजेक्ट में चल रहा काम: शिक्षक प्रदीप कुमार मेश्राम ने बताया कि इस नॉवेल की उपलब्धि ने उन्हें और उनके हौसलों को उड़ान दी है. इससे प्रेरणा लेकर वह आगे नए प्रोजेक्ट पर कम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह पैसा या नाम कमाने के लिए अपनी किताब नहीं बेच रहे हैं, बल्कि लेखन से उन्हें काफी संतुष्टि मिलती है और वह इसी संतुष्टि को एंजॉय करने के लिए किताब लिख रहे हैं. उन्होंने कहा जब वे लिखते हैं तो खुद को काफी तृप्त महसूस करते हैं. आने वाले कुछ वर्षों में एक दो नई किताब लोगों के लिए ला रहे हैं. विश्व की सबसे बड़ी ई कॉमर्स कंपनियों पर शिक्षक प्रदीप कुमार मेश्राम की किताब उपलब्ध है, जहां उन्हें अच्छा रिस्पॉन्स भी मिल रहा है.

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