भिलाई। उच्च रक्तचाप को नियंत्रण में रखना कितना जरूरी होता है, यह तब समझ में आता है जब बात बिगड़ जाती है. 40 वर्षीय सुषमा को ओडीशा के कालाहांडी से हाईटेक लाया गया था. जब मरीज हाइटेक के इमरजेंसी पहुंची तो वह बेहोश थी. जांच में पाया गया कि उसकी किडनी ने काम करना बंद कर दिया है. दिमाग में भी रक्त का थक्का है.

हाईटेक की किडनी तथा डायलिसिस कन्सल्टेंट डॉ सुमन राव ने बताया कि मरीज के रक्त में यूरिया और क्रेटिनिन काफी बढ़ी हुई थी. मरीज को तत्काल डायलिसिस पर डाला गया. महिला काफी समय से उच्च रक्तचाप से जूझ रही थी. पर नियमित रूप से जांच नहीं कराने एवं दवा नहीं खाने के कारण स्थिति बिगड़ गयी थी. मरीज के स्थिर होने के बाद उसे न्यूरोसर्जरी विभाग के सुपुर्द किया गया.
न्यूरोसर्जन डॉ दीपक बंसल ने बताया कि उच्च रक्तचाप के मरीजों में मस्तिष्क में रक्तस्राव हो सकता है. मरीज को सबड्यूरल हीमाटोमा था. इसलिए रक्तचाप को नियंत्रित करना बेहद जरूरी होता है. मरीज के स्थिर होने के बाद सर्जरी कर रक्त के थक्के को हटा दिया गया. कुछ ही दिनों में मरीज का यूरिन आउटपुट भी बेहतर हो गया. डॉ सुमन ने बताया कि मरीज की किडनी की हालत ठीक नहीं है. उसे नियमित रूप से किडनी की जांच कराने की सलाह दी गई है. मरीज को 17 नवम्बर को दाखिल किया गया था. पांच दिन बाद उसे छुट्टी दे दी गई.