लेडी डिप्टी कलेक्टर के कपड़े फटे
डेस्क। भोपाल में प्रदर्शन के दौरान डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के कपड़े फट गए। बाबासाहब भीमराव अंबेडकर की फोटो को भी नुकसान हुआ। निशा बैतूल के आमला से पदयात्रा करते हुए भोपाल पहुंची थीं। वे सीएम हाउस जाना चाहती थीं। इसी दौरान पुलिस ने उन्हें रोक लिया। महिला पुलिसकर्मियों से बचने की कोशिश में खींचतान हुई।
निशा बांगरे की गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें एसीपी एमपी नगर अक्षय चौधरी की कोर्ट में पेश किया गया। जहां उन्होंने जमानत मुचलका भरने से इनकार कर दिया है। अब उन्हें जेल भेजा जाएगा। उनके खिलाफ धारा 151 के तहत कार्रवाई की गई थी।
इससे पहले निशा ने बोर्ड ऑफिस चौराहे पर अंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा, भोपाल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मोनू सक्सेना भी उनके साथ थे। पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया है। सक्सेना ने पुलिस पर निशा बांगरे के कपड़े फाड़ने का आरोप लगाया है।
निशा बांगरे छुट्टी नहीं मिलने पर तीन महीने पहले छतरपुर जिले के लवकुशनगर में एसडीएम के पद से इस्तीफा दे चुकी हैं, लेकिन शासन ने इसे मंजूर नहीं किया है।
बांगरे ने कहा, ‘मैं 12 दिन से सड़क पर हूं। CM आंख से आंख मिलाकर बताएं कि इस बेटी के साथ अन्याय क्यों कर रहे हैं? जब हमने न्याय यात्रा शुरू की, तब पुलिस के जरिए हम पर गोली चलवाने, डंपर से कुचलवाने की धमकी दी गई।’
उन्होंने कहा, ‘मध्यप्रदेश शासन मेरे साथ अन्याय कर रहा है। मुझे न्याय के लिए 200 किलोमीटर से ज्यादा पैदल चलकर आमला से भोपाल आना पड़ा। पहले मुझे सर्वधर्म प्रार्थना करने से रोका गया। मुझे मेरे घर के उद्घाटन में जाने से भी रोका जबकि संविधान हमें धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है। मैंने इस्तीफा दिया तो तथाकथित मामा मेरे साथ नोटिस और पुलिस-पुलिस खेल रहे हैं।’ बांगरे ने पदयात्रा की शुरुआत 28 सितंबर को की थी।
मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में जन्मीं निशा बांगरे ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद गुरुग्राम स्थित एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी की। 2016 में उनका चयन एमपी में डीएसपी के पद पर हुआ। 2017 में वे डिप्टी कलेक्टर चुनी गईं। उनकी पहली पोस्टिंग बैतूल के आमला क्षेत्र में थी। उनके पति मल्टी नेशनल कंपनी में अधिकारी हैं। 3 साल का एक बेटा भी है।
बांगरे ने 25 जून को आमला में अपने घर के उद्घाटन समारोह के दौरान सर्व धर्म प्रार्थना और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए छुट्टी मांगी थी। उन्हें छुट्टी नहीं दी गई। इस पर बांगरे ने 22 जून को अपने विभाग को एक लेटर लिखकर इस्तीफे की जानकारी दी थी।
मध्यप्रदेश सरकार ने निशा बांगरे का डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा मंजूर करने से इनकार कर दिया था। विभाग ने इस्तीफा अमान्य करते हुए कहा कि उन्होंने शासन के निर्देशों की अवहेलना, अनुशासनहीनता और गंभीर कदाचरण किया है।
