छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित अपहरण कांड के दोषियों को उम्रकैद: बड़ी मां ने रची थी साजिश… 6 करोड़ की मांगी थी फिरौती… पांच आरोपियों को मिली आजीवन कारावास की सजा, तीन साल बाद कोर्ट का फैसला

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के न्यायधानी बिलासपुर के बहुचर्चित विराट अपहरण कांड के आरोपियों को आज अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अपहरण कांड के तीन वर्षों बाद यह फैसला आया है। जिसमे 5 आरोपियो को आज सजा सुनाई गई है।

क्या था मामला, पढ़िए
अप्रैल 2019 में बिलासपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र में रहने वाले व्यवसायी विवेक सराफ के 6 साल के बेटे विराट सराफ को घर के सामने से ही कार सवार अपहरणकर्ताओं ने अगवा कर लिया था। इसके बाद आरोपियों ने विराट के पिता से 6 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी। बच्चे के अपहरण के इस केस में पुलिस छह दिनों तक आरोपियों की तलाश करती रही। सातवें दिन विराट को पुलिस ने जरहाभाठा इलाके से सुरक्षित बरामद कर सभी अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया था।

पुलिस की जांच में पता चला अपहरण के बाद से उसके घर की हर गतिविधियों की जानकारी अपहरणकर्ताओं को मिल रही थी। इससे पुलिस को शक हुआ कि वारदात में उसके किसी करीबियों का हाथ हो सकता है। आखिरकार, पुलिस का शक सही निकला और जांच में सामने आया कि अपहरण की साजिश विराट की बड़ी मां नीता सराफ ने ही रची थी। उसने अपने परिचित अनिल के साथ अहपरकर्ताओं से मिली और योजना के अनुसार वारदात को अंजाम दिया।

अपहरण के इस केस में अतिरिक्त लोक अभियोजक विनोद यादव ने शासन का पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि पुलिस ने जांच के बाद चालान में आरोपियों की साजिश का पूरा साक्ष्य पेश किया था। विराट की बड़ी मां नीता सराफ सहित सभी आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत थे। जांच में पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य जुटाकर कड़ी जोड़ा था। ट्रॉयल के दौरान केस में 54 लोगों की गवाही हुई थी, जिसमें योजनाबद्ध तरीके से फिरौती के लिए बच्चे का अपहरण करने का मामला सामने आया है। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

शुक्रवार को इस केस में प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार जयसवाल ने फैसला दिया। इस दौरान कोर्ट में चार आरोपी नीता सराफ, अनिल सिंह, हरे कृष्ण राय और सतीश शर्मा मौजूद रहे। जैसे ही महिला आरोपी नीता सराफ को पता चला कि कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, महिला कोर्ट में चक्कर खाकर गिर गई। पुलिसकर्मियों ने उसे संभाला और पानी पिलाया, तब महिला को होश आया।

अपहरण के इस केस के आरोपी राजकिशोर सिंह जरहाभाठा में रहता था। उसने ही विराट का अपहरण किया था। पुलिस ने लगातार जांच के सात दिन बाद विराट को राजकिशोर के जरहाभाठा स्थित मकान से गिरफ्तार किया था। बाद में राजकिशोर सिंह जेल से फरार हो गया था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जगदलपुर जेल में रखा था, तब से वह जगदलपुर के जेल में बंद है।

मामले में तत्कालीन SP अभिषेक मीणा ने कहा कि अदालत का फैसला काफी सुकुन भरा है। विराट की सकुशल बरामदगी के लिए पुलिस टीम ने काफी मेहनत की थी। और उसके बाद विराट को सुरक्षित परिजनों को सौंपा था। इस फैसले से छतीसगढ़ में इस तरह के किडनैपिंग व सुपारी लेकर काम करने वालों के हौसले पस्त होंगे।

विराट के पिता विवेक सराफ भी फैसले के वक्त कोर्ट में मौजूद रहे। कोर्ट का फैसला आने के बाद उनके चेहरे पर खुशी की झलक साफ दिख रही थी। उन्होंने कहा कि घटना याद कर आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस दिन का वे बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था। उनकी जैसी उम्मीद थी आरोपियों को वही सजा मिली है।

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