रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के दक्षिण विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रहे डॉ.महंत रामसुंदर दास ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने त्याग पत्र में लिखा है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी एवम प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने समस्त वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बहुत ही विश्वास करके मुझे रायपुर शहर के दक्षिण विधानसभा का प्रत्याशी बनाया, सभी कार्यकर्त्ताओ ने मनसा वाचा कर्मणा कार्य किए परंतु परिणाम आशा के अनुरूप नहीं रहा, और प्रदेश में सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से इस सीट पर पराजय हुई। इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रहा हूं।
आपको बता दे कि रायपुर की दक्षिण विधानसभा से महंत रामसुंदर दास ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। उनके खिलाफ में बीजेपी के बृजमोहन अग्रवाल ने चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल ने बड़े अंतराल से चुनाव जीता। बृजमोहन अग्रवाल ने 67719 वोटों से जीत दर्ज की थी।
विधानसभा चुनाव हारने के बाद गुरुवार को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए महंत राम सुंदर दास ने इस्तीफा दे दिया। रामसुंदर दास का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
महंत राम सुंदर दास को कांग्रेस ने रायपुर दक्षिण सीट से इस बार के चुनाव में उतारा था। यहां से बीजेपी के प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल थे। खास बात ये है कि राम सुंदर दास को बृजमोहन अपना गुरु मानते हैं। ऐसे में मुकाबला चुनौती भरा था। चुनाव के दौरान कुछ विवाद भी सामने आए। आखिरकर बृजमोहन ने इस सीट से 8वीं बार बड़े अंतर से जीत हासिल की।
2003 में महंत राम सुंदर दास छत्तीसगढ़ के पामगढ़ से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने। 2008 में उन्होंने जैजैपुर से चुनाव जीता था। 2013 में उसी सीट पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2018 में भूपेश बघेल की सरकार बनी तो उन्हें गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। साल 2001-2003 में संस्कृत बोर्ड के पहले अध्यक्ष रहे। वहीं, छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के सदस्य भी रह चुके हैं।