दुर्ग। भिलाई में मानव तस्करी का बड़ा मामला सामने आया है। दुर्ग पुलिस ने इंटरनेशनल मानव तस्करी और फ्रॉड करने वाले 3 आरोपियों को मायानगरी मुंबई से गिरफ्तार किया है। इनके द्वारा नौकरी का लालच देकर लोगों से धोखाधड़ी कर इन्हें लाओस भेजा जाता था जहां इन्हे जबरदस्ती साइबर फ्रॉड करने की ट्रेनिंग दी जाती थी। दुर्ग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक राम गोपाल गर्ग के निर्देशन में रेंज साइबर थाना दुर्ग पुलिस ने एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन में अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी और धोखाधड़ी के तीन आरोपियों को मुंबई से गिरफ्तार किया है। ये आरोपी एक व्यक्ति से लाओस में नौकरी लगाने के नाम पर 2 लाख रुपये की ठगी कर चुके थे।
भिलाई निवासी प्रार्थी ने साइबर रेंज थाना दुर्ग में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसे लाओस में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर नौकरी लगाने का लालच देकर आरोपियों ने कुल 2 लाख रुपये लिए। प्रार्थी ने बताया कि उसे आरोपियों द्वारा एक विज्ञापन दिखाया गया, जिसमें कहा गया था कि उसे लाओस में उच्च वेतन पर नौकरी मिलेगी।

धोखाधड़ी का तरीका :-
- प्रार्थी से पहले 50,000 रुपये का भुगतान रफीक खान के मोबाइल नंबर पर UPI ट्रांजेक्शन के माध्यम से लिया गया।
- इसके बाद, 1,50,000 रुपये बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में ट्रांसफर कराए गए।
- आरोपी ने प्रार्थी को एयर टिकट देकर थाईलैंड होते हुए लाओस भेजा।
लाओस में पहुंचने के बाद प्रार्थी को गोल्डन ट्राईएंग्ल एरिया में ले जाया गया, जहां उसे एक विदेशी व्यक्ति द्वारा स्कैमिंग का काम करने के लिए कहा गया। प्रार्थी ने इस काम को करने से मना किया, जिसके बाद उसे चार से पांच दिन तक एक कमरे में बंद रखा गया। आरोपियों की पहचान साजन शेख (36 वर्ष), रफीक उर्फ रफी खान (42 वर्ष) और एक महिला आरोपी के रूप में हुई है। पुलिस ने इनकी लोकेशन गोरेगांव, मुंबई में पाई।
पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल नंबर के लोकेशन के आधार पर आरोपियों की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया। टीम ने मुंबई में जाकर आरोपियों की निगरानी की और उन्हें रेल्वे स्टेशन के भीड़-भाड़ वाले इलाके से पकड़ा। महिला आरोपी को भी उसके ठिकाने से निकालकर गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 3 मोबाइल फोन और विदेश भेजने से संबंधित दस्तावेज जब्त किए हैं। आरोपियों पर मानव तस्करी और धोखाधड़ी के कई धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इस मामले में और भी लोग फंसे हुए हैं, और वे इंटरपोल के माध्यम से कार्रवाई करेंगे ताकि और पीड़ितों को बचाया जा सके। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी साजन और रफीक ने एक अवैध कंपनी बनाई थी, जो लोगों को धोखे से विदेश में नौकरी दिलाने का काम करती थी।
पुलिस को जानकारी मिली है कि लाओस में लगभग 8 से 10 लोग इस प्रकार के स्कैम का शिकार होकर फंसे हुए हैं। इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए, दुर्ग पुलिस ने एक विशेष अभियान शुरू किया है ताकि इन पीड़ितों को बचाया जा सके। यह कार्यवाही पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज के नेतृत्व में, नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग चिराग जैन, एसडीओपी बालोद देवांश सिंह राठौर और डीएसपी शिल्पा साहू की मेहनत का परिणाम है। इस कार्य में उप निरीक्षक नवीन राजपूत, प्रधान आरक्षक नीलकमल सलामे, प्रधान आरक्षक राजेंद्र गिरी और अन्य पुलिसकर्मियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।