युवा कवित्री मणिका दुबे को मिलेगा प्रथम सरस्वती युवा साहित्य सम्मान: 5 जून को पंडित बबन प्रसाद मिश्र समारोह में दिया जाएगा पुरस्कार…युवा साहित्यकारों को आगे लाने शुरू किया सम्मान

भिलाई। सरस्वती बुक्स व श्री पब्लिशर्स द्वारा साहित्यिक प्रतिभाओं के सम्मान के लिए अच्छी पहल की है। 5 जून को रायपुर में पंडित बबन प्रसाद मिश्र समारोह के अंतर्गत यह पुरस्कार दिया जाएगा। इस साल प्रथम सरस्वती युवा साहित्य सम्मान देश की लोकप्रिय युवा कवयित्री सुश्री मणिका दुबे (सिहोरा, जबलपुर) को दिया जा रहा है।

इस भव्य समारोह में उन्हें 11000 रुपए की सम्मान राशि, सम्मान मोमेंटो, सम्मान पत्र व शॉल-श्रीफल दिया जाएगा। कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथियों द्वारा उन्हें सम्मानित किया जाएगा। सरस्वती बुक्स के संचालक आकाश महेश्वरी ने बताया कि, कला, साहित्य को बढ़ावा देने के मकसद से सम्मान की शुरुआत की गई है। आने वाले दिनों में देश के चुनिंदा साहित्यकारों व कला प्रेमियों के लिए कई आयोजन कराए जाएंगे।

कौन हैं मणिका दुबे…जानिए
मध्यप्रदेश के एक छोटे से कस्बे सिहोरा (जबलपुर) से आने वाली सुश्री मणिका दुबे हिंदी-उर्दू कविता की एक नई सनसनी हैं. वे अपने भावपूर्ण लेखन और काव्यपाठ के लिए देशभर में बेहद लोकप्रिय हैं. उनका जन्म क्षेत्र के प्रतिष्ठित कृशक श्री प्रदीप दुबे एवं समर्पित शासकीय शिक्षिका श्रीमती ममता दुबे के यहां 17 दिसंबर 1997 को हुआ. बड़े पिताजी श्री दिलीप दुबे सिहोरा नगर पालिका अध्यक्ष व विधायक के पद में रह चुके हैं व सतत रूप से जनसेवा में वर्षों से कार्यरत हैं.

बड़ी बहन ऋषिका दुबे व छोटे भाई राजगुरू दुबे सहित एक भरे-पूरे संयुक्त परिवार में उनकी परवरिश हुई. बचपन से ही कॉन्वेंट स्कूल में शिक्षा-दिक्षा प्राप्त करने के बावजूद, हिंदी-उर्दू भाषा के लिए उनका प्यार और जुड़ाव आश्चर्यचकित करता है. वे वाणिज्य विषय में स्नातक हैं तथा उन्होंने MGMMRDVV (जबलपुर) से अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर की डिग्री भी हासिल की है.

सुश्री मणिका दुबे आज के दौर में देशभर में कवि सम्मेलनों की सबसे अधिक प्रिय और प्रशंसित कवयित्रीयों में से एक हैं, वे अपनी रचनाओं में ज्यादातर गहरी भावनाओं और भावनाओं के साथ-साथ प्रेम, अलगाव एवं संबंधों के बारे में लिखती हैं. वे वास्तव में अत्यंत मधुर आवाज़ व गायन कौशल की धनी हैं, इसलिए उन्हें प्रत्यक्ष सुनने वाले स्वयं को मंत्रमुग्ध होने से नहीं रोक पाते.

उनके पास परिस्थितजन्य हास्य पैदा करने की अद्भुत क्षमता है. काव्यपाठ के दौरान उनकी तत्कालिक टिप्पणीयां आपको स्वाभाविक रूप से हंसने में मजबूर कर देंगी. एक जादुई आभामण्डल और आकर्षक व्यक्तित्व के साथ, वे सौंदर्य व बुद्धि का एक आदर्श संयोजन हैं.

साहित्य के अलावा, वे विभिन्न सामाजिक गतिविधियों और सेवा कार्यों में निरंतर लगी हुई हैं. वे लगातार सीखने और दिन-प्रतिदिन खुद को बेहतर बनाने में विश्वास करती हैं. अभिनय में रूचि रखने वाली सुश्री मणिका दुबे एक बहुत अच्छी मिमिक्री आर्टिस्ट भी हैं. संगीत में विषेश रूचि रखने वाली सुश्री मणिका दुबे यूट्यूब पर भी बेहद लोकप्रिय हैं

मां नर्मदा को समर्पित उनके लिखे व गाए गीत ‘नमन हे देवी नर्मदे’ ने सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित किए. वे कड़ी मेहनत करने में विश्वास करती हैं और इसलिए अपने लक्ष्यों के प्रति बेहद समर्पित हैं.

उन्हें प्रथम सरस्वती युवा साहित्य सम्मान से सम्मानित करते हुए हमारी संस्था गौरवान्वित अनुभव कर रही है. सुश्री मणिका दुबे को उनके उत्कृश्ट साहित्यिक यात्रा हेतु ढेर सारी शुभकामनाएं देते हुए हम अपनी हार्दिक बधाईयां प्रेषित करते हैं.

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