आज विधायक देवेंद्र के जन्मदिन पर गिरेंगे BJP में कई विकेट: कांग्रेस में शामिल होने वाले पूर्व पार्षदों की संख्या ठीक-ठाक…टाउनशिप के कई पूर्व पार्षद देंगे भाजपा को झटका

भिलाई। निकाय चुनाव के बाद शहर की राजनीति हवा बदली-बदली सी है। भाजपा चुनाव हारने के बाद भी संघर्ष करते दिख रही है। संघर्ष अपने कुनबे को बचाए रखने की हो रही है। वो इसलिए क्योंकि लगातार भाजपा समर्थित नेता या पूर्व पार्षद कांग्रेस का दामन थाम रहे हैं। भाजपा छोड़ कांग्रेस ज्वाइन कर रहे हैं। कई पूर्व पार्षद और वार्डों में अपनी पैठ रखने वाले नेता कांग्रेस आ चुके हैं। अब बारी है कुछ पूर्व पार्षदों की। इनकी संख्या भी ठीक-ठाक है जो भाजपा छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन कर रहे हैं।


(खुर्सीपार क्षेत्र में देवेंद्र लगातार सदस्यता अभियान चला रहे हैं, कई भाजपाइयों को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई थी)

नाम का खुलासा धीरे-धीरे होगा। इसकी शुरुआत आज विधायक देवेंद्र यादव के जन्मदिन से हो रही है। कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि 19 फरवरी को भाजपा के कई समर्थक कांग्रेस ज्वाइन करने वाले हैं। इसमें टाउनशिप के एक पूर्व पार्षद हैं, जो भाजपा की टिकट से चुनाव लड़े और मैदान में एक युवा ने उन्हें हरा दिया।

नाम का खुलासा बहुत जल्द होगा। जब नाम का खुलासा होगा तो इनके आला नेताओं को झटका भी करारा लगेगा। क्योंकि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वो जिस पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़े, उसी पार्टी की गोद में बैठ जाएगा। यह भी खबर है कि भिलाई नगर विधानसभा के साथ-साथ वैशालीनगर विधानसभा में भाजपा की नैय्या डूबोने में उनके समर्थक तैयार है। भाजपा से कांग्रेस जाने वालों की संख्या बढ़ती हुई दिख रही है। राजनीतिक पंडित बताते हैं कि, आने वाले 31 मार्च तक यह शेड्यूल जारी रहेगा। हर दूसरे-तीसरे दिन भाजपा का एक न एक विकेट गिरते हुए दिखेगा।


(पिछले सप्ताह ही खुर्सीपार क्षेत्र के कई भाजपाई कांग्रेस का गमछा पहने)

भाजपा इतनी बेफिक्र क्यों मानो, संगठन को मतलब ही नहीं
ये बड़ा सवाल है कि भाजपा के नेता या समर्थक एक के बाद एक कांग्रेस में जा रहे हैं और भाजपा संगठन चुप क्यों है? अभी तक भाजपा की ओर से एक प्रेस रिलीज जारी क्यों नहीं हुई या जिलाध्यक्ष से लेकर संगठन के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया क्यों नहीं? नेताओं की चुप्पी कई बातों को जन्म दे रही है और कई चीजों को पुष्ट भी कर रही है। ये बात कन्फर्म है कि जिस भूमिका में भाजपा भिलाई में है, उससे ऊपर के नेता परेशान है।


(पूर्व पार्षद संतोष निर्मलकर देवेंद्र, एकांश और लालचंद की मौजूदगी में कांग्रेस ज्वाइन किया था)

भाजपा से कांग्रेस जाने वालों में अधिकांश पूर्व मंत्री के समर्थक…
ये बात तो सत्य है कि भाजपा से कांग्रेस जाने वालों में अधिकांश पूर्व मंत्री के समर्थक है। कांग्रेस संगठन और विधायक देवेंद्र यादव की रणनीति है कि 2023 तक भाजपा को मानसिक रूप से कमजोर कर दिया जाए। इस काम में पार्टी भी लगी हुई है। विधायक देवेंद्र ने निकाय चुनाव के परिणाम से साबित कर दिया है कि सत्ता के साथ-साथ संगठन की राजनीति में उनकी काबिलियत किसी अनुभवी नेता से कम नहीं है।


(युवाओं के बीच देवेंद्र लोकप्रिय हैं। तस्वीर पिछले दिनों की है, जब पूर्व प्रदेश सह-सचिव आकाश ने ज्ञापन दिया था)

वैशालीनगर पर टार्गेट…
भिलाई नगर के साथ-साथ कांग्रेस का अगला निशाना वैशालीनगर विधानसभा सीट है। कांग्रेस चाहती है कि भिलाई नगर में रिपीट विजयी मिले। जबकि वैशालीनगर की सीट कांग्रेस की झोली में आए। दोनों विधानसभा के लिए अभी से अलग स्ट्रेटर्जी के साथ काम किया जा रहा है। विधायक देवेंद्र यादव, मेयर नीरज पाल और जिलाध्यक्ष मुकेश चंद्राकर को सीएम ने यह टार्गेट भी दिया है कि आने वाले चुनाव में वैशालीनगर सीट कांग्रेस जीते। इसके लिए तीनों नेताओं को काम पर लगा दिया है।

कांग्रेस ज्वाइन करने वालों में टाउनशिप के पूर्व पार्षद ज्यादा…
कांग्रेस ज्वाइन करने वालों में भाजपा के पूर्व पार्षदों की संख्या ज्यादा है। बताया जा रहा है कि 19 फरवरी को टाउनशिप के सबसे हाई-प्रोफाइल वार्ड के आसपास के पूर्व पार्षद कांग्रेस ज्वाइन करने वाले हैं। उनके नाम की चर्चा जोरों पर है। इसके अलावा पावर हाउस स्टेशन के पास रहने वाले एक पूर्व पार्षद भी वेटिंग में है।

बीएसपी प्लांट से लगे एक वार्ड के पूर्व भाजपा पार्षद भी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा मध्यभारत के सबसे बड़े अस्पतालों में शामिल अस्पताल के पास वाले वार्ड से भी एक युवा भाजपा छोड़ कांग्रेस ज्वाइन कर रहे हैं। ऐसे कई नाम है जिनका विकेट भाजपा में गिरने वाला है और कांग्रेस में जाकर नई पारी की शुरुआत करेंगे।

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