इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि और सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती के कार्यक्रम में शामिल हुए MLA अरुण वोरा: युवाओं को सद्भावना का संदेश देकर राष्ट्रीय एकता की दिलाई शपथ

दुर्ग। भारत के लिए 31 अक्टूबर का दिन कई मायनों में अविस्मरणीय है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की शहादत के लिए एवं देश के प्रथम गृहमंत्री एवं उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती अक्टूबर माह का आखिरी दिन इतिहास में दर्ज है। राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाए जाने वाले दिवस पर वरिष्ठ कांग्रेस विधायक अरुण वोरा ने कार्यक्रम में शामिल होकर इंदिरा गाँधी एवं सरदार वल्लभभाई पटेल का पुण्य स्मरण करते हुए युवाओं को सांप्रदायिक सद्भावना एवं राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई।

वोरा ने कहा कि एक तरफ जहां लौह पुरुष माने जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इस देश को एकता के सूत्र में पिरोने के लिए आजादी के बाद रियासतों में बंटी हुई आबादी को एकजुट किया वहीं दूसरी ओर आयरन लेडी के नाम से जानी जाने वाली इंदिरा गांधी ने अपने दूरदर्शी फैसलों से राष्ट्र की तरक्की का मार्ग प्रशस्त किया। 17 वर्षों के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान उन्होंने बैंकों के राष्ट्रीयकरण, कोयला नीति में परिवर्तन, परिवार नियोजन जैसी कई नीतियों को देश के विकास का आधार बनाया।

पड़ोसी मुल्क के हमले का जवाब उन्होंने पाकिस्तान को दो हिस्सों में बांटकर दिया हमेशा से ही इंदिरा जी देश की सबसे मजबूत प्रधानमंत्री मानी जाती हैं। वोरा ने रविशंकर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान युवाओं को राष्ट्रीय एकता एवं सद्भावना की शपथ दिलाते हुए कहा कि आज का दिन अविस्मरणीय है जहां देश की दो विभूतियों में से एक ने समाज को एक करने का प्रयास करते हुए अपनी शहादत दी वहीं एक महान व्यक्तित्व की जयंती भी है। देश मे आज बन रहे नफरत के माहौल के बीच राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के लिए युवाओं में जागरूकता सबसे आवश्यक है।

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