Bhilai Times

विधायक वोरा ने कलेक्टर और निगम आयुक्त को लिखा पत्र: बोले – रुके विकास कार्यों को तेजी से पूरा कराने और शहर की व्यवस्था दुरुस्त करने तत्काल उठाएं कदम, आपदा प्रबंधन की टीम को अलर्ट रहने के भी निर्देश

विधायक वोरा ने कलेक्टर और निगम आयुक्त को लिखा पत्र: बोले – रुके विकास कार्यों को तेजी से पूरा कराने और शहर की व्यवस्था दुरुस्त करने तत्काल उठाएं कदम, आपदा प्रबंधन की टीम को अलर्ट रहने के भी निर्देश

दुर्ग। वरिष्ठ कांग्रेस विधायक अरुण वोरा ने नवनियुक्त कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा और निगम कमिश्नर प्रकाश सर्वे को पत्र लिखकर कहा है कि दुर्ग शहर में विकास कार्यों की व्यापक स्तर पर समीक्षा जरूरी है।

वोरा ने कहा कि नगर निगम, पीडब्लूडी के विकास कार्यों सहित दूसरे विभागों की कल्याणकारी योजनाओं से नागरिकों को लाभान्वित करने की दिशा में तेजी से कदम उठाए जाएं। वोरा ने पत्र में शहर की यातायात व्यवस्था पर भी चिंता जताते हुए दुर्घटनाओं पर रोक लगाने प्रभावी कदम उठाने पर जोर दिया है।

वोरा ने कहा कि दुर्ग शहर की प्रमुख सड़कों के अधूरे कार्यों को तत्काल पूरा करना जरूरी है। जीई रोड, गौरव पथ पर पोल लगे हैं लेकिन लाइट नहीं लगाई गई है। सड़कों पर अंधेरा होने के कारण शहरवासियों को न सिर्फ परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि दुर्घटनाएं भी हो रही हैं।

इसके अलावा प्रमुख मार्गों पर गड्‌ढे भरना बेहद जरूरी है। इसके अलावा सड़कों पर आवारा पशुओं के कारण भी दुर्घटनाएं हो रही हैं। यातायात नियंत्रण की दिशा में व्यापक स्तर पर पहल करना आवश्यक है।

वोरा ने कहा कि नगर निगम व पीडब्लूडी के रुके विकास कार्यों को तेजी से पूरा कराया जाए। ठगड़ा बांध पिकनिक स्पॉट, पुलगांव नाला डायवर्सन, साइंस कालेज स्थित निर्माणाधीन ऑडिटोरियम, स्कूूल भवन निर्माण सहित अन्य रुके कार्यों को तत्काल पूर्ण किया जाए।

वोरा ने बारिश के मौसम को देखते हुए निगम आयुक्त से कहा है कि पानी की निकासी के बेहतर इंतजाम किये जाएं। कहीं पर भी जलभराव की समस्या मिलने पर तत्काल निकासी की व्यवस्था करें।

वोरा ने जिला प्रशासन और नगर निगम के बाढ़ नियंत्रण कक्ष में 24 घंटे अलर्ट होकर कार्य करने और आपदा की स्थिति में तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि नाले और नालियों में कचरा जाम होने की स्थिति में नियमित सफाई करें, ताकि पानी की निकासी होती रहे।

वोरा ने निगम प्रशासन को अलर्ट करते हुए कहा है कि जर्जर भवनों पर नजर रखें ताकि लगातार बारिश होने से इनके ढहने से होने वाले हादसे टाले जा सकें। नदी नालों के जल स्तर की निगरानी रखने के साथ ही बाढ़ आपदा प्रबंधन और शिवनाथ नदी के महमरा एनीकट पर आवागमन रोकने जैसे सुरक्षात्मक उपाय किये जाएं।


Related Articles