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स्वयंसिद्धा का “रंग भरे बादल से”: जब मम्मियों ने बच्चों की तरह ड्राइंग कांपीटिशन में लिया भाग…बच्चे देते रहे एडवाइस, खूब बना माहौल

स्वयंसिद्धा का “रंग भरे बादल से”: जब मम्मियों ने बच्चों की तरह ड्राइंग कांपीटिशन में लिया भाग…बच्चे देते रहे एडवाइस, खूब बना माहौल

भिलाई।

-“आंटी आपकी ड्राइंग कितनी सुंदर है”
-” मम्मी देखो कलर बाहर नहीं निकलना चाहिए”
-” आंटी रात के लिए आप ब्लैक के साथ ब्लु भी यूज कर सकते हैं”
यह सारी बातें सुनाई दे रही थी नन्हे बच्चों के मुंह से जिनकी मम्मी ड्राइंग पेंटिग प्रतियोगिता में भाग ले रही थीं। मौका था ‘स्वयंसिद्धा ए मिशन विद ए मिशन’ के रायपुर इकाई द्वारा आयोजित मम्मियों के लिए पेंटिग कांपीटिशन ‘रंग भरे बादल से’ का ।

रविवार शाम जैन बेबी केयर में संपन्न इस प्रतियोगिता में 30 से अधिक माताओं ने भाग लिया। संस्था की निदेशक डॉ सोनाली चक्रवर्ती ने बताया।कि पिछले 15 सालों से स्वयंसिद्धा महिलाओं की प्रतिभा को मंच व सम्मान देने की दिशा में प्रयासरत है। बचपन में हर एक बच्चा ड्राइंग करता है लेकिन जब शादी हो जाती है तो महिलाएं अपनी सारी प्रतिभा को भूल के परिवार के प्रति समर्पित हो जाती है जिससे मिडल एज क्राइसिस के दौरान उन्हें कई तरह की बीमारियों फ्रस्टेशन डिप्रेशन का सामना करना पड़ता है जिससे बचाव के लिए हम ऐसे आयोजन करते हैं जिसमें वह अपने बचपन को याद कर सके व खुद को निखारें।

निर्णायक थी चित्रकार कलाकार मंजू मिश्रा। रायपुर इकाई की हेड शीलू लुनिया ने बताया कि सभी ने बच्चों जैसे उत्साह के साथ अपनी पेंटिंग बनाई।

कार्यक्रम में महिलाओं को सर्टिफिकेट के साथ कॉटन के शॉपिंग बैग दिए गए जिससे हम स्वच्छ भारत और प्लास्टिक मुक्त समाज की परिकल्पना को सार्थक कर सके।
कार्यक्रम में पूजा शुक्ला, अनीता लुनिया, मंजुला श्रीवास्तव, राखी नायडू, शीतल नायडू, आरती गोलछा, करिश्मा टाटिया, हीर, प्रिती केशकर, डॉ प्राची वर्मा, सोनू गुप्ता, तारा, रूखमणी आदि के चित्र सराहे गए।


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