दुर्ग। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य ढांचे की रीढ़ माने जाने वाले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संविदा कर्मचारी एक बार फिर विधानसभा में चर्चा का केंद्र बनने जा रहे हैं। दुर्ग जिलाध्यक्ष डॉ आलोक शर्मा ने बताया कि आगामी मानसून सत्र (14 से 18 जुलाई) के दौरान कसडोल विधायक संदीप साहू एनएचएम कर्मचारियों की वर्षों से लंबित मांगों को सदन में उठाएंगे।

20 वर्षों का संघर्ष, फिर भी उपेक्षा
राज्य के आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, उप स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों में करीब 16,000 से अधिक NHM कर्मचारी पिछले दो दशकों से कम वेतन, बिना ग्रेड-पे, बिना मेडिकल अवकाश जैसी न्यूनतम सुविधाओं में कार्यरत हैं। इन्हीं कर्मचारियों की मेहनत से छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय स्तर पर कई स्वास्थ्य पुरस्कार प्राप्त किए, लेकिन आज भी इन्हें स्थायित्व और समान अधिकार नहीं मिला है।

विधानसभा में उठने वाले प्रमुख प्रश्न:-
कसडोल विधायक संदीप साहू अतारांकित प्रश्न क्रमांक 522 के तहत निम्नलिखित मुद्दे सदन में रखेंगे:
- (क) क्या जुलाई 2023 के मानसून सत्र में तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा 37,000 संविदा कर्मचारियों के लिए 27% वेतन वृद्धि की घोषणा की गई थी, जिसमें NHM के 16,000 कर्मी भी शामिल थे? यदि हां, तो अब तक इस पर क्या कार्यवाही हुई?
- (ख) क्या केंद्र सरकार ने NHM कर्मियों को IPHS (Indian Public Health Standards) के अनुरूप पब्लिक हेल्थ कैडर में सम्मिलित करने हेतु निर्देश जारी किए थे? यदि हां, तो छत्तीसगढ़ में अब तक क्या निर्णय लिया गया?
- (ग) क्या वर्ष 2020 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री द्वारा NHM कर्मियों के नियमितीकरण हेतु एक समिति गठित कर रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी? यदि हां, तो 23 जून 2025 तक उस पर क्या कार्यवाही की गई?
इन सभी प्रश्नों के उत्तर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल द्वारा दिए जाएंगे।
ज्ञात हो कि छ ग प्रदेश एन एच एम कर्मचारी संघ कर्मचारियों के हित में लगातार प्रदेशाध्यक्ष डॉ अमित मिरी के नेतृत्व में मैदान पर संघर्ष कर रहा है,पिछले दिनों स्वास्थ्य भवन का घेराव हुआ था,जिसमे संचालिका राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा 2 महीने के समय सीमा में समस्याओं के समाधान का वादा किया था लेकिन आज दिनाक तक समस्या का कोई समाधान नही निकल पाया भविष्य में बड़े आंदोलन की तैयारी इन कर्मचारियों द्वारा की जा रही है।