भिलाई। संजय रूंगटा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस (एसआरजीआई) के अन्तर्गत संचालित आर एस आर रूंगटा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, रूंगटा इंस्टीट्यूट ऑफ फॉर्मास्यूटिकस साइंस और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते का उद्देश्य अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ावा देना है, विशेष रूप से उच्च स्तरीय विश्लेषणात्मक प्रयोगशालाओं, उन्नत उपकरणों और सीसीएसईए अनुमोदित एनिमल हाउसके साझा उपयोग के माध्यम से। इस समझौते के तहत तीनों संस्थान मिलकर संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं संचालित करेंगे, स्टूडेंट एक्सचेंज, फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम, स्टार्टअप इन्क्यूबेशन और उन्नत प्रशिक्षण की व्यवस्था करेंगे। विशेष रूप से इंजीनियरिंग और फार्मेसी के अंतःविषय क्षेत्रों जैसे कि ड्रग डिलीवरी सिस्टम, बायोइन्फॉर्मेटिक्स, मेडिकल डिवाइसेज डिजाइन और AI आधारित हेल्थकेयर समाधान पर कार्य करने की योजना बनाई गई है।
एमओयू पर आईआईटी भिलाई इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी फाउंडेशन के सीईओ प्रशांत एन. माथुर और विष्णु वैभव शर्मा ने डॉ. योगेश छाबड़ा, प्रिंसिपल, रूंगटा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, डॉ. राजेश कुमार नेमा, प्रिंसिपल, रूंगटा इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज और डॉ. ज्ञानेश श्रीवास्तव, प्रिंसिपल, रूंगटा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड मैनेजमेंट की गरिमामयी उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।

समझौते के तहत दोनों संस्थान संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं चलाएंगे, छात्रों और फैकल्टी के आदान-प्रदान कार्यक्रम आयोजित करेंगे, और अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग से शिक्षण पद्धतियों में नवाचार लाएंगे। इसके अलावा, औद्योगिक प्रशिक्षण, स्टार्टअप सहयोग, इंटर्नशिप और नई औषधियों के विकास पर भी संयुक्त कार्य किए जाएंगे। फार्मेसी कॉलेज के पास उपलब्ध सीसीएसईए अनुमोदित एनिमल हाउस,आईआईटी की उन्नत विश्लेषणात्मक सुविधाएं और इंजीनियरिंग कॉलेज की डिज़ाइन व नवाचार प्रयोगशालाएं इस सहयोग के केंद्र बिंदु होंगे।
आईआईटी भिलाई इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी फाउंडेशन के सीईओ प्रशांत एन. माथुर ने कहा, “इस समझौते से संसाधनों के समुचित उपयोग के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शोध को बढ़ावा मिलेगा, जिससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुसंधान की प्रतिस्पर्धा में हम मजबूती से आगे बढ़ सकें। यह साझेदारी विज्ञान और स्वास्थ्य के क्षेत्र में ठोस योगदान देगी।” इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. योगेश छाबड़ा ने कहा, “यह साझेदारी हमारे छात्रों और शोधकर्ताओं को इंटरडिसिप्लिनरी प्रोजेक्ट्स पर काम करने का शानदार अवसर प्रदान करेगी।” “हमारे विद्यार्थियों को अब प्रायोगिक अनुसंधान के लिए अत्याधुनिक संसाधनों तक पहुंच प्राप्त होगी, जो उन्हें उद्योगोन्मुख बनाएगा।”
फार्मेसी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार नेमा ने कहा, “हमारे संस्थान की एनिमल हाउस सुविधा अब अन्य संस्थानों के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी, जिससे फार्माकोलॉजिकल, टॉक्सिकोलॉजिकल और प्रीक्लिनिकल रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा।” यह समझौता हमारे कॉलेज के लिए मील का पत्थर साबित होगा, विशेष रूप से एनिमल स्टडीस और फार्मास्युटिकल विश्लेषण के क्षेत्र में।
यह समझौता ज्ञापन अगले तीन वर्षों तक प्रभावी रहेगा, जिसके दौरान दोनों पक्ष ज्ञान-साझाकरण, क्षमता- निर्माण कार्यक्रमों और संयुक्त नवाचार-संचालित पहलों में संलग्न होंगे। एसआरजीआई के अध्यक्ष इंजीनियर संजय रूंगटा और निदेशक डॉ. साकेत रूंगटा ने अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं और विश्वास व्यक्त किया है कि यह साझेदारी नवाचार-आधारित शिक्षा और अनुसंधान उत्कृष्टता के लिए नए क्षितिज खोलेगी। यह सहयोग एसआरजीआई के शैक्षणिक विकास को आत्मनिर्भरता और तकनीकी उन्नति के लिए राष्ट्र के दृष्टिकोण के साथ जोड़ने के चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह सहयोग दोनों संस्थानों के लिए न केवल एक शिक्षात्मक पहल है, बल्कि यह उद्योग और समाज के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है। आने वाले वर्षों में इसके माध्यम से उन्नत शोध, स्टार्टअप संवर्धन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बल मिलेगा। आईआईटी जैसी संस्था से जुड़ना हमारे संस्थान के लिए सम्मान की बात है।
तीनों संस्थानों का यह सामूहिक प्रयास देश में गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान को बढ़ावा देने, संसाधनों के कुशल उपयोग और नवाचार की संस्कृति को सशक्त करने की दिशा में एक सराहनीय पहल मानी जा रही है।