भोपाल। बड़ी खबर गुना जिले से आ रही है। गुना के आरोन में बदमाशों से हुई मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस टीम में शामिल ड्राइवर गंभीर रूप से घायल है। घटना शनिवार तड़के 3 से 4 बजे के बीच की बताई जा रही है। तीनों पुलिसकर्मियों के शव जिला अस्पताल लाए गए हैं। घटना को लेकर मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है।
SP राजीव कुमार मिश्रा का कहना है कि सगा बरखेड़ा की तरफ से बदमाशों के जाने की सूचना मिली थी। इनकी घेराबंदी के लिए 3-4 पुलिस टीम लगाई गई थीं। शहरोक के जंगल में 4-5 बाइक से बदमाश जाते हुए दिखे। पुलिस ने घेराबंदी की तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की।
इसमें सब इंस्पेक्टर राजकुमार जाटव, आरक्षक नीरज भार्गव और आरक्षक संतराम ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। शिकारियों के पास से पांच हिरण और एक मोर के अवशेष जब्त किए हैं।
एमपी के गुना ज़िले में बेख़ौफ़ शिकारियों की नृशंसता देखिये, दुर्लभ श्रेणी के चार हिरण और मोर मारा, पुलिसकर्मी आये तो उन पर गोलियाँ बरसा कर तीन की जान ले ली, चौथा गंभीर हाल में भर्ती. @ChouhanShivraj ने इस जघन्य हत्याकांड पर अब बैठक बुलाई @ABPNews @pankajjha_ @awasthis #MP #Guna pic.twitter.com/kkNO0kDFkA
— Brajesh Rajput (@brajeshabpnews) May 14, 2022
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हमारे परिवार के तीन जांबाज सदस्यों की मौत हो गई। अपराधी कोई भी हो, पुलिस से बचके जा नहीं सकते। कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सख्त से सख्त कार्रवाई हमलावरों पर की जाएगी। ऐसी कार्रवाई करेंगे, जो नजीर बनेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद घटना की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह बोले- गुना की घटना दुखद है। इससे स्पष्ट है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था चौपट हो चुकी है। अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि अब वह पुलिस को ही नहीं छोड़ रहे। गुना की घटना के बाद तो गृह मंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
भारत में काले हिरण आमतौर पर राजस्थान, पंजाब, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में पाए जाते हैं। भारतीय संस्कृति में भी काले हिरण का खास स्थान रहा है। सिंधु घाटी सभ्यता में ये भोजन का स्रोत रहा है और धोलावीरा और मेह्रगढ़ जैसी जगह भी इसकी हड्डियों के अवशेष मिले हैं।
गुना में शिकारियों ने की 3 पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या, हिरण के शिकार की सूचना पर शिकारियों को घेरने पहुंचे थे पुलिसकर्मी @ndtv @ndtvindia pic.twitter.com/02qE6CWfQw
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) May 14, 2022
16वीं से 19वीं सदी के बीच कायम रही मुगल सल्तनत में ब्लैक बक (काले हिरण) की कई छोटी पेंटिंग मिलती हैं। राजस्थन में बिश्नोई समुदाय इन्हें पूजते हैं। आंध्र प्रदेश ने इन्हें स्टेट एनिमल का दर्जा दिया है।
संस्कृत में इन हिरण का जिक्र कृष्ण मृग के रूप में मिलता है। हिंदू प्राचीन ग्रंथों के मुताबिक ब्लैक बक भगवान कृष्ण का रथ खींचता नजर आता है। काले हिरण को वायु, सोम और चंद्र का वाहन भी माना जाता है। राजस्थान में करणी माता को काले हिरण का संरक्षक माना जाता है।
ब्लैक बक नर का वजन आमतौर पर 34-45 किलोग्राम होता है और कंधे पर उसकी ऊंचाई 74-88 सेंटीमीटर होती है। मादा का वजन 31-39 किलोग्राम होता और ऊंचाई नर से जरा कम होती है। नर ब्लैक बक रंग भी बदलते हैं। मानसून के अंत तक नर हिरणों का रंग काला दिखता है, लेकिन सर्दियों में ये रंग हल्का पड़ने लगता है और अप्रैल की शुरुआत तक एक बार फिर भूरा हो जाता है।
कंटेंट- आज तक, दैनिक भास्कर