केंद्र के खिलाफ आक्रामक हुए निखिल द्विवेदी: बोले-विपक्षी नेताओं की आवाज दबा रही केंद्र सरकार, हिरासत में लेना निंदनीय है

राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ राज्य पर्यटन मंडल के मेंबर और छत्तीसगढ़ युवा कांग्रेस के मीडिया विभाग अध्यक्ष निखिल द्विवेदी ने आज केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है।

उन्होंने प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा है, केंद्र की मोदी भाजपा सरकार का रिपोर्ट हर मोर्चे पर निराशाजनक रही है। राहुल गांधी द्वारा लगातार बेरोजगारी,महंगाई,कश्मीर मुद्दा,चीन का लगातार अतिक्रमण,के सवालों से मोदी भाजपा डर गये हैं। जवाब देना छोड़ उल्टा सवाल करने वालों पर कार्यवाही कर रहे हैं।

भाजपाई हुकूमत ने भारत के लोगों को निराश किया है। अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए वे लगातार फालतू के मुद्दों को उठाते हैं और विपक्षी दलों, विशेषकर गांधी परिवार को निशाना बनाते हैं।

जिससे भाजपाई हुकूमत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को को सबसे ज्यादा डर लगता है। उनका नया प्रयास नेहरू जी द्वारा स्थापित अखबार नेशनल हेराल्ड को बदनाम करना है। जिसने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

जब अखबार वित्तीय संकट में चला गया और कांग्रेस पार्टी ने इसे 90 करोड़ के ऋण के साथ सहायता की, जिसका विधिवत लेखा-जोखा भी किया गया। असल में जब भाजपा ने पहली बार विवाद खड़ा किया तो ED के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि आरोप तथ्यहीन, बेबुनियाद और झूठे हैं। इसके बावजूद भाजपा अपने निराधार आरोपों पर कायम है और अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए इसे एक ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रही है।

निखल द्विवेदी ने कहा कि सरकार में सोच-सोच का फर्क है। एक समय था जब 1991 में जब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या हुई तो अटल जी बेहद भावुक हो गए थे। तब अटल जी ने बताया था कि आज अगर मैं जिंदा हूं तो राजीव गांधी की बदौलत सन 1988 में अटलजी को किडनी से जुड़ी प्रॉब्लम हो गई थी।

तब वे इलाज कराने अमेरिका गए थे। वहीं उन्होंने अपनी ‘मौत से ठन गई’ शीर्षक से कविता लिखी थी कम ही लोग जानते हैं कि अटल की इस जंग में उनका साथ पूर्व पीएम राजीव गांधी जी ने दिया था। इसी कारण उनकी जान बच सकी थी। अटल के पास नहीं थे अमेरिका जाकर इलाज कराने के पैसे अटल जी को किडनी की प्रॉब्लम हुई।

तब भारत में इसका इलाज करवाना संभव नहीं था । वे आर्थिक तंगी के चलते अमेरिका नहीं जा पा रहे थे। ये बात जब राजीव गांधी को पता चली तो उन्होंने तुरंत वाजपेयी को अपने दफ्तर बुलाया और कहा कि उन्हें वे संयुक्त राष्ट्र में न्यूयॉर्क जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल कर रहे हैं। उम्मीद है कि आप वहां जाकर मौके का फायदा उठाएंगे और अपना इलाज करवाएंगे।

अटल का कहना था कि इसके बाद वे अमेरिका चले गए और अपना इलाज कराकर स्वस्थ्य होकर वापस लौटे और एक ये समय है जब सोनिया गांधी जी बीमार है। कोविड से लड़ रही है तो प्रधानमंत्री मोदी जिन्होंने इलाज जानने की बजाय गांधी परिवार पर ED छोड़ दिया है।

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