भिलाई। प्रदेशभर में ट्रैफिक चालान को सरलीकरण करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए पॉश मशीनों से ट्रैफिक चालान प्रकरणों का निपटारा करने शासन द्वारा जोर दिया जा रहा है। आज मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने उच्च न्यायालय छग के मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर ट्रेफिक चालान प्रकरणों की कार्यवाही वर्चुअल कोर्ट से किए जाने विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारियों की बैठक लेकर अधिकारियों को इस दिशा में जल्द समुचित कार्यवाही करने कहा गया।
मुख्य सचिव जैन ने सभी जिलों में ट्रेफिक चालान प्रकरणों पर त्वरित कार्यवाही वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से करने जल्द संसाधन जुटाने कहा। जिन प्रदेशों में कार्यवाही की जा रही है, वहां के बैंकों से किए गए एग्रीमेंट की जानकारी ली जाए तथा छत्तीसगढ़ स्थित बैंक जो कम से कम चार्जेश पर पॉस मशीन लगाने के इच्छुक हैं उनसे प्रस्ताव प्राप्त करने के संबंध में चर्चा हुई। DGP ने वर्चुअल कोर्ट प्रकरणों के संबंध में पुलिस विभाग द्वारा की जा रही तैयारियों के बारे में बताई। साथ ही पुलिस अधिकारियों को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसमें आयुक्त परिवहन ने बैंक के प्रतिनिधियों से ट्राफिक चालानों के प्रकरणों के वर्चुअल निराकरण एवं डिजिटल भुगतान सम्बन्धी चर्चा की।
इसमें सीएस ने बताया कि चंडीगढ़ और मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में इस प्रक्रिया का क्रियान्वयन विभिन्न बैंकों के सहयोग से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन राज्यों और बैंक के बीच हुए एग्रीमेंट की प्रति और छग में बैंक के साथ किए जाने वाले एग्रीमेंट की प्रति के साथ बैंकों द्वारा प्राप्त प्रस्ताव की विस्तृत जानकारी से उच्च न्यायालय के आईटी कमेटी को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के उच्च न्यायालय ने राज्य के सभी संभागीय मुख्यालय में ट्राफिक चालान प्रकरणों की कार्यवाही वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से प्रारंभ किए जाने के निर्देश दिए हैं। इस पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है। रायपुर संभाग मुख्यालय में यह कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। पॉश मशीनों के माध्यम से ट्रैफिक चालान प्रकरणों का निपटारा किया जा रहा है। राजनांदगांव, दुर्ग, बस्तर और सरगुजा संभाग में भी जल्द ही डिजिटल चालान प्रकरणों के निपटारे की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।
इसमें पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, प्रमुख सचिव विधि विभाग रामकुमार तिवारी, सचिव गृह विभाग धनंजय देवांगन, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रदीप गुप्ता, संचालक संस्थागत वित्त शीतल शाश्वत वर्मा, उच्च न्यायालय के नोडल अधिकारी चौहान, क्षेत्रीय महाप्रबंधक स्टेट बैंक राव सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।