BSP का बड़ा फैसला: भिलाई टाउनशिप में अब सिर्फ एक बार होगा वाटर सप्लाई… मरोदा डैम में स्टोरेज में कमी के कारण फैसला, जानिए सुबह या शाम कब आएगा पानी?

भिलाई। भिलाई टाउनशिप निवासियों के लिए बड़ी खबर है। भिलाई स्टील प्रबंधन ने बड़ा फैसला लेते हुए टाउनशिप में वाटर सप्लाई सिर्फ एक समय करने के निर्णय लिया है। मिली जानकारी के अनुसार, सेल के BSP के जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी, नगरसेवा विभाग के द्वारा, गर्मी के मौसम में भिलाई टाउनशिप में दो टाइम पेयजल सुबह और शाम को उपलब्ध कराया जा रहा था। वर्तमान में मरोदा जलाशय-2 भिलाई इस्पात संयंत्र में पर्याप्त मात्रा में पानी का भंडारण नहीं है। इस वजह से पानी भंडारण में कमी के कारण भिलाई टाउनशिप में एक टाइम ही (सुबह के समय) पेयजल प्रदान करना संभव है।

प्रबंधन ने जानकारी देते हुए बताया कि, 26 जून 2024 बुधवार से भिलाई टाउनशिप में सुबह के समय ही पेयजल की आपूर्ति की जायेगी और शाम के समय पेयजल सप्लाई नहीं किया जायेगा। भिलाई इस्पात संयंत्र को जल प्रदाय करने वाले रिज़र्वायर या डैम के कैचमेंट एरिया में अभी तक पर्याप्त वर्षा नहीं हो पाई है, जिसकी वजह से डैम में पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं है। गौरतलब है कि भिलाई को तांदुला, गोंदली, खरखरा और गंगरेल डैम से पानी की आपूर्ति होती है। छत्तीसगढ़ अंचल में मानसून की पहली बारिश हो चुकी है और पर्याप्त मात्रा में आद्रता होने के कारण गर्मी की तुलना में जल की खपत उतनी अधिक नहीं है, इसको ध्यान में रखते हुए कम पानी में भी गुजारा किया जा सकता है।

प्रबंधन ने जानकारी देते हुए कहा कि, बीएसपी के मरोदा जलाशय में भी पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध नहीं है और मात्र 28 दिन का जल शेष है। संयंत्र तथा मरोदा जलाशयों को रिज़र्वायरया डैम से जल की आपूर्ति वर्तमान में नहीं हो पा रही है, इसलिए संयंत्र के मरोदा जलाशय में क्रमशः जल की मात्रा कम होती जा रही है। अतः किसी भी अप्रत्याशित परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, वर्तमान में जल की खपत को सीमित व कम रखा जाना आवश्यक हो गया है। इसके साथ ही संयंत्र में उत्पादन को निरंतर और नियमित बनाये रखना भी आवश्यक है। समस्त नागरिकों से अनुरोध है कि सभी परिस्थितियोंको ध्यान में रखते हुए जल की खपत को कम करने हेतु अपना सहयोग दें।

प्रबंधन ने जानकारी देते हुए बताया कि, अप्रैल माह मेंभी पानी की कमी को देखते हुए एक टाइम जल आपूर्ति का निर्णय लिया गया था, किन्तुबाद में संयंत्र को पर्याप्त मात्रा में गंगरेल से पानी मिलने पर ग्रीष्म ऋतु में भी दोनों टाइम जल की आपूर्ति की गई थी।  वर्तमान में छत्तीसगढ़ अंचल मेंपर्याप्त बारिश नहीं होने की आशंका या सम्भावित स्थिति में, जलाशयों में एकत्र जलसे ही आगे जल की पूर्ति करनी होगी। इन परिस्थितियों को देखते हुए वर्तमान में इस्पात नगरी में जल की आपूर्ति को दोनों वक्त के स्थान पर एक वक्त के लिए किए जाने का निर्णय लिया जाना उचित होगा, ताकि संयंत्र के उत्पादन कार्य को भी निरंतर जारीरखा जा सके और इस्पात नगरी की घरेलू जल खपत को भी सुचारू रूप से चलाया जा सके।

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