इंटरनेशनल योगा डे पर डॉ कृष्णा चौधरी ने बताया योग के साथ निरोग रहने के फंडे, आप भी जानिए

भिलाई। डॉ कृष्णा चौधरी की तरफ से शुक्रवार को फॉर्चून अपार्टमेंट में दसवीं अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में एक विशेष योग सत्र का आयोजन किया गया। जिसमें फॉर्चून अपार्टमेंट में निवासरत बहुसंख्यक लोगों ने हिस्सा लिया। डॉक्टर चौधरी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत किस तरह हुई इस बात पर प्रकाश डाला साथ ही योगासन प्राणायाम इत्यादि के रहस्यों पर से पर्दा उठाया। डॉक्टर चौधरी ने बताया की हम सभी लोग जन्म के तुरंत बाद से ही गलत तरीके से सांस लेना शुरू कर देते हैं जो भविष्य में शरीर में पैदा होने वाली बहुत सी बीमारियों का कारण बनता है।

डॉक्टर चौधरी ने बताया की प्राणायाम का महत्व स्वास्थ्य के लिए कितना महत्वपूर्ण है, अगर हम आती जाती सांसों के साथ शरीर के क्रियाकलापों को जोड़ते हुए अपना जीवन व्यतीत करते हैं तो हम सभी प्रकार के रोगों से मुक्त रह सकते हैं, सांस लेते समय पेट बाहर आना चाहिए एवं सांस छोड़ते समय पेट का अंदर जाना जरूरी है डॉक्टर चौधरी ने अतः कुंभक एवं बाह्य कुंभक पर भी प्रकाश डाला।

डॉक्टर चौधरी ने विभिन्न प्रकार के आसन एवं प्राणायाम स्वयं करके बतलाए एवं योग साधकों को भी उन्हें करने के लिए प्रेरित किया साथ ही यह भी बतलाया कि किस आसन एवं प्राणायाम में सांस की प्रक्रिया कितनी रहेगी। प्रमुख रूप से जिन आसन एवं प्राणायाम के ऊपर प्रकाश डाला गया उनमें थे अनुलोम विलोम, सर्प आसान , सुप्तउदरासन , वज्रासन एवं एवं भुजंगासनों के दो प्रकार भी बताए गए।

डॉ. कृष्णा चौधरी ने बताया कि शरीर में तीन प्रकार के दोष यानी वात पित्त एवं कफ के लिए हमारे आहार में क्या सम्मिलित होना चाहिए एवं किन चीजों का प्रयोग वर्जित करना चाहिए जिससे हम विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बच्चे रह सकें डॉ कृष्ण चौधरी ने बताया की वात के लिए रात में एक गिलास पानी में एक चम्मच धनिया भिगोकर रखें एवं सुबह उसे पानी का सेवन करें साथ ही वात रोग से ग्रसित लोग नारियल पानी यानी दाब का भी प्रयोग कर सकते हैं डॉक्टर चौधरी ने पित् के संबंध के लिए रात में एक गिलास पानी में एक चम्मच अजवाइन को भिगोकर रखने एवं सुबह उसे पीने के विषय में भी प्रकाश डाला डॉक्टर चौधरी ने कफ के शमन के लिए नींबू पानी के महत्व पर भी प्रमुख रूप से बताया।

डॉक्टर चौधरी ने फॉर्चून अपार्टमेंट के रहवासियों से उनके शरीर में उपस्थित विभिन्न रोगों के आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक उपचार के महत्व पर भी प्रकाश डाला इस क्रम में बात यानि गठिया रोग से ग्रसित लोगों को राहर दाल ना खाने की सलाह दी गई साथ ही उन्हें बताया गया कि वह छिलके वाली मसूर दाल अथवा मूंग दाल को अपने भोजन में सम्मिलित कर सकते हैं । डॉ कृष्ण चौधरी ने बताया कि भोजन के उपरांत अगर हम वज्रासन अथवा सुप्तउदरासन में कुछ देर रहते हैं तो इससे हमारे जठारअग्नि मजबूत होती है एवं पाचन तंत्र सुचारू रूप से काम करता है जिससे बहुत सी बीमारियों से बचा जा सकता है। डॉक्टर चौधरी के द्वारा बताए गए आसान योगासन प्राणायाम एवं भोजन उपरांत की जाने वाली क्रियाओं से मिलने वाले लाभ के विषय में जानकर सभी उपस्थित लोगों को बहुत ही हर्ष हुआ।

Exit mobile version