भिलाई। आज के दौर में हड्डियों की समस्या होना आम बात है। हड्डियों का खोखला या पोला हो जाना बुढ़ापे में एक सामान्य सी बात हो गई है। परन्तु जब बिना किसी आनुवांशिक या प्रत्यक्ष कारण के 30-32 साल की उम्र में हड्डियां खोखली हो जाएं तो हैरानी होती है। ऐसा ही एक मामला हाईटेक अस्पताल के ऑर्थोपेडिक्स एक्सपर्ट डॉक्टर दीपक कुमार सिन्हा के पास आया। युवक के कूल्हों के दोनों तरफ के जोड़ गल चुके हैं। एक तरफ की सर्जरी कर ट्रांसप्लांट कर दिया गया है। कुछ दिन बाद दूसरी तरफ का भी ट्रांसप्लांट कर दिया जाएगा।

अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक कुमार सिन्हा ने भिलाई टाइम्स को जानकारी देते हुए बताया कि, युवक को जब अस्पताल लाया गया तो वह काफी तकलीफ में था। जांच करने पर पाया गया कि कूल्हे के दोनों तरफ के जोड़ नष्ट हो गए हैं जिससे जांघ की हड्डी जुड़ी होती है। युवक का कोई कोविड हिस्ट्री नहीं था। जन्मगत कोई दिक्कत भी नहीं थी। परिवार में आर्थराइटिस का कोई हिस्ट्री नहीं है। युवक को सिकल सेल की भी दिक्कत नहीं है। युवक ने बताया कि वह तम्बाकू का सेवन करता है तथा शराब भी पीता है। संभवतः हड्डियों के नष्ट होने की यही वजह थी।
डॉ सिन्हा ने आगे बताया कि, इस स्थिति को मेडिकल भाषा में अवस्कुलर नेक्रोसिस कहा जाता है। अवस्कुलर नेक्रोसिस जिसे ओस्टियोनेक्रोसिस भी कहा जाता है, वह स्थिति है जो तब होती है जब खून की कम आपूर्ति के कारण हड्डी के भाग नष्ट होने लगते हैं। एवीएन, कुछ कैंसरों या कैंसर इलाजों के दुष्प्रभाव के रूप में हो सकता है। एक अन्य मामले की जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि छुरा के एक 55 वर्षीय मरीज के घुटनों का भी ट्रांसप्लांट किया गया है। ओड़ीशा निवासी इस मरीज को आर्थराइटिस भी है। हाइटेक हॉस्पिटल में फिलहाल प्रतिमाह 4 से 5 घुटना या कूल्हे का ट्रांसप्लांट किया जा रहा है।