- दुर्ग के वार्ड-34 शिवपारा निवासी गुरबारीन उइके की सफलता की कहानी
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान मिलने से सपना हुआ साकार
- 40-50 साल तक कच्चे मकान में गुजारी जिंदगी, अब परिवार के साथ पक्के मकान में रह रही हैं
- गुरबारीन उइके ने कहा, “अगर मुझे यह मकान मिल सकता है, तो औरों को क्यों नहीं?”
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चार किश्तों में मिला मकान निर्माण हेतु राशि

दुर्ग। दुर्ग नगर पालिक निगम क्षेत्र के वार्ड-34 शिवपारा निवासी गुरबारीन उइके, जोकि अनुसूचित जाति समूह से ताल्लुक रखती हैं, ने अपनी मेहनत और संघर्ष से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपना पक्का मकान पाया। वे पिछले 40-50 साल से सराफा बाजार और आस-पास के क्षेत्र में नाली साफ कर सोना और चांदी के टुकड़े बीनने का काम करती थीं। इस दौरान वे अपने परिवार के साथ एक कच्चे मकान में रहती थीं, जो टूट-फूट और पानी से भरा हुआ था।
गुरबारीन ने बताया कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनका भी एक पक्का, शानदार और चमकदार मकान होगा, लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें यह मौका मिला। उनके पति ने इस योजना के तहत आवेदन किया था, लेकिन कुछ समय बाद उनके पति का निधन हो गया। इसके बाद उन्होंने खुद ही आवेदन किया और अंततः उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान बनाने के लिए शासन से सहायता प्राप्त हुई।
गुरबारीन ने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “मुझे रोटी, कपड़ा और मकान तीनों मिल गए हैं, और अब मैं पूरी तरह संतुष्ट हूं।” उनके इस संघर्ष और सफलता की कहानी ने यह साबित कर दिया कि प्रधानमंत्री आवास योजना गरीबों के लिए एक वरदान साबित हो रही है।