भिलाई। रेलवे इन दिनों ट्रेनों को बंद-चालू करने को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है। 23 ट्रेनों को बंद करने के फैसले के बाद दुर्ग-दल्ली राजहरा में चलने वाली लोकल ट्रेन को भी बंद करने की तैयारी चल रही है।
दल्ली राजहरा से दुर्ग या फिर दुर्ग से दल्ली राजहरा तक सप्ताह में 3 दिन तक ट्रेन चलती है। अब इस ट्रेन को बंद करने की तैयारी चल रही है। बालोद रेलवे स्टेशन से सोमवार से बुधवार तक भले ही 37 मिनट के अंदर यात्रियों को दो ट्रेन की सुविधा मिल रही है लेकिन एक ट्रेन में ज्यादा तो एक ट्रेन में कम यात्री सफर कर रहे हैं।
जिस ट्रेन में कम यात्री सफर कर रहे हैं, उस पर रेलवे की नजर है। जिसे रेलवे द्वारा बंद करने की तैयारी की जा रही है। जब तक इसकी टाइमिंग नहीं बदलेगी इसमें यात्रियों की संख्या कम ही रहेगी।
आज अखबारों में प्रकाशित खबरों की माने तो, रेल मंत्रालय की ओर से स्थानीय रेलवे अफसरों से रिपोर्ट मांगी गई है कि कितने यात्री सफर कर रहे हैं? इसके अलावा फीडबैक व सर्वे के आधार पर रेलवे मंडल व बिलासपुर जोन की सर्वे कमेटी भी रेल मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेंगे। 2010 में शुरू हुई एक्सप्रेस ट्रेन को जिस तरह कम यात्रियों के कारण घाटा बताकर बंद किया गया था,ठीक उसी फार्मूले पर इसे भी बंद करने की तैयारी है।
यात्री कम क्यों, यह भी जानिए
सोमवार से बुधवार तक दो ट्रेन 37 मिनट के अंदर बालोद रेलवे स्टेशन पहुंच रही है। ज्यादातर लोग भिलाई, रायपुर तक सफर करते हैं। ऐसे में सुबह 6.12 बजे पहुंचने वाली केवटी-रायपुर ट्रेन में ही सफर करते हैं। इसके बाद दल्ली से दुर्ग जाने वाली ट्रेन पहुंचती है, जिसमें वही लोग सफर करते हैं, जो दुर्ग, मरोदा काम के सिलसिले में जाते हैं।
इनकी संख्या कम होती है। वहीं दुर्ग से जब वापसी होती है तो 25-30 यात्री ही बालोद में उतरते हैं।
दल्लीराजहरा-दुर्ग- यह ट्रेन सप्ताह में तीन दिन सोमवार, मंगलवार, बुधवार को चल रही है। जिसमें एक दिन में दल्लीराजहरा से बालोद तक 100 से 150 यात्री सफर कर रहे हैं।
केवटी-रायपुर- यह ट्रेन रोजाना चल रही है। जिसमें एक दिन में दल्लीराजहरा, कुसुमकसा, बालोद तक 500 से ज्यादा यात्री सफर कर रहे हैं।
ऐसा हो तो ज्यादा यात्री सफर कर सकेंगे ट्रेन में
टाइमिंग- यात्रियों की मांग के अनुसार नया टाइम सेट किया जाए। अभी दुर्ग जिले के सरकारी कर्मचारी सुबह 10 बजे तक ऑफिस नहीं आ पाते। बस का सहारा लेते हैं। दुर्ग से चले ट्रेन- दल्लीराजहरा के बजाय दुर्ग से सुबह 6 से 8 बजे के बीच ट्रेन को चलाया जाए।
रेल मंडल रायपुर के सीनियर पब्लिसिटी इंस्पेक्टर शिवप्रसाद पवार ने बताया कि भविष्य में क्या होगा, यह तो बता नहीं सकते लेकिन टिकट सेलिंग पर डिपेंड करता है। अगर टिकट सेलिंग ही कम यानी इनकम ही नहीं हो रहा है तब ट्रेन चलाने का क्या औचित्य रहेगा।
बालोद के चीफ स्टेशन मास्टर जयंत मराठे ने बताया कि बालोद से रोजाना केवटी-रायपुर साप्ताहिक व दल्ली से दुर्ग तक चल रही ट्रेन में कितने यात्री सफर कर रहे हैं, यह बता नहीं सकता। दिनभर के टिकट के हिसाब से सब देखा जाता है।
दल्लीराजहरा के चीफ स्टेशन मास्टर पीके वर्मा ने बताया कि फिलहाल तो सप्ताह में सभी दिन केवटी से रायपुर तक और दुर्ग-दल्ली तक तीन दिन तक चलने वाली ट्रेन चल रही है। कोरोना की वजह से पहले कम यात्री सफर कर रहे थे, अब पहले की तुलना में यात्रियों की संख्या में इजाफा है।