रायपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू छत्तीसगढ़ के रायपुर पहुंची। राज्यपाल रामेन डेका,मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू और उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा रायपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का भव्य स्वागत किया। इसके बाद मुर्मू रायपुर एयरपोर्ट से विधानसभा के लिए रवाना हुईं। राष्ट्रपति छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई।

छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जय जोहार के साथ संबोधन शुरू किया। उन्होंने विधानसभा की 25 वर्षों की यात्रा के लिए सदस्यों को बधाई दी। इसके बाद राष्ट्रपति ने कहा- आप सबके बीच आकर विधायक के रूप में मेरी यादें ताजा हुईं। छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती वर्ष पर आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विधायकों को अपना प्रबोधन दिया। इस दौरान उन्होंन दिल खोलकर छत्तीसगढ़ की तारीफ की। उन्होंने कहा कि परिसीमन की प्रशासकीय दृष्टिकोण से एक सीमा होती है, लेकिन दिलों से जुड़ाव की कोई सीमा नहीं होती है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोग बहुत अच्छे हैं, इसलिए यहां आने का बार बार दिल करता है। जिस तरह से छत्तीसगढ़ के लोग ओड़िशा को अपना मानते हैं, उसी तरह से वो भी रायपुर को ओड़िशा का ही हिस्सा मानती हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि यही देश की मजबूती का आधार है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की चर्चा करती हुई कहा कि जिस तरह केंद्र सरकार देश से नक्सलवाद को खत्म् करने प्रतिबद्ध है और नक्सल प्रभावित राज्यों को मदद कर रही है। हमें उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ सरकार जल्द ही माओवादियों को समाज की मुख्यधारा में वापस लाने में सफल होगी। छत्तीसगढ़ में विकास की असीम संभावनाएं विद्यमान है। छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से भरापूरा प्रदेश है। खनिज, हरे भरे जंगल और नैसर्गिक वातावरण से आच्छादित छत्तीसगढ़ प्रगति के सोपान में आगे बढ़ेगा। इसकी पूरी-पूरी संभावनाएं विद्यमान है। महानदी,शिवनाथ और इंद्रावती जैसी नदियों का आशीर्वाद प्राप्त है। विधानसभा के सदस्यों से आह्वान करते हुए कहा कि प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर छत्तीसगढ़ को प्रकृति के बीच संतुलन स्थापित करने की बड़ी जिम्मेदारी भी है।
मीनीमाता के जीवन संघर्षों को याद करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि, महिलाओं को प्रदेश की जनता का विशेष समर्थन मिला है। महिला सदस्य राज्य को आगे बढ़ाने तत्पर रहें। महिलाएं सशक्त होंगी तो हमारा समाज भी सशक्त होगा। राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि, छत्तीसगढ़ विधानसभा ने समावेशी कल्याण के लिए अनेक विधेयक पारित किए। महिलाओं को अंधविश्वास से मुक्ति दिलाने के लिए अहम विधेयक लाया गया। छत्तीसगढ़ में विकास की असीम संभावनाएं विद्यमान हैं। यहां की लोक संस्कृति की पूरे देश में सराहना होती है।
उन्होंने कहा कि, इस प्रदेश को इंद्रावती, शिवनाथ, महानदी का आशीर्वाद प्राप्त है। वामपंथी उग्रवाद को रोकने का कार्य निर्णायक दौर में है, जल्द छत्तीसगढ़ उग्रवाद रोकने की दिशा में सफल होगा। छत्तीसगढ़ विधानसभा राज्य की आदर्श छवि प्रस्तुत करेगी। हम भी रायपुर को ओडिशा का हिस्सा मानते हैं। परिसीमन की तो सीमा है, दिल का कोई दीवार नहीं है। भगवान जगन्नाथ केवल ओडिशा के नहीं पूरे विश्व के नाथ हैं। ओडिशा में जो चावल पकाया जाता है, वह छत्तीसगढ़ का है। मुझे छत्तीसगढ़ से बहुत लगाव है। उनहोंने आगे कहा कि, छत्तीसगढ़ के लोग बहुत अच्छे हैं। इसीलिए कहा गया है, छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया। मैं छत्तीसगढ़ के उज्जवल भविष्य की कामना करती हूं। अपना संबोधन पूरा करने के बाद राष्ट्रपति छत्तीसगढ़ विधानसभा से रवाना हो गई हैं।
करीब 15 मिनट के अपने संक्षिप्त प्रबोधन में राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के नियम और परंपरा की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्यों ने जो खुद के लिए नियम बनाया है, वो अपने आप में मिसाल है। इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन की शुरुआत जय जोहार के साथ की। उन्होंने कहा कि रजत जयंती वर्ष की गाढ़ा गाढ़ा बधाई। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में गुरु घासीदास की वाणी का भी जिक्र किया, जिसमें ये कहा गया है कि मनखे-मनखे एक समान।
उन्होंने कहा कि, विधायक के रूप में जनता की सेवा करना सौभाग्य की बात होती है। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आकर यह एहसास हुआ कि ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया।
विधानसभा में नियमों के पालन पर संतोष जताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वेल में आने पर निलंबन का नियम बनाकर उसका पालन किया जाना एक सकारात्मक पहल है। उन्होंने इस पर खुशी जताई कि आज तक छत्तीसगढ़ विधानसभा में मार्शल का उपयोग नहीं करना पड़ा, जो विधायकों और पूर्व विधायकों के लिए गर्व की बात है। राष्ट्रपति ने सभी महिला विधायकों से अनुरोध किया कि वे महिलाओं को आगे बढ़ाने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि जब बहनें एक-दूसरे को सशक्त बनाएंगी, तो समाज भी सशक्त होगा। इस दौरान उन्होंने मीनीमाता के संघर्षों को याद करते हुए कहा कि प्रदेश की महिलाओं को जनता का विशेष समर्थन प्राप्त है।
अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने छत्तीसगढ़ और ओडिशा के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “हम भी रायपुर को अपना ही मानते हैं। परिसीमन की सीमाएं होती हैं, लेकिन दिलों के बीच कोई दीवार नहीं होती। जगन्नाथ केवल ओडिशा के ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के नाथ हैं। ओडिशा में जो चावल पकाया जाता है, वह छत्तीसगढ़ की मिट्टी का उपहार है।” राष्ट्रपति ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोग बेहद अच्छे होते हैं, और इसी वजह से कहावत प्रसिद्ध है – ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’!
विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लेने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रायपुर एयरपोर्ट पहुंचीं, जहां मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सहित कई नेताओं ने उन्हें विदाई दी।
राष्ट्रपति मुर्मू रायपुर से ओडिशा के लिए रवाना हो गई हैं, लेकिन उनके इस दौरे की गूंज छत्तीसगढ़ के दिलों में लंबे समय तक बनी रहेगी।