पुस्तक ‘है, तो है‘ का विमोचन, छत्तीसगढ़ के एकमात्र पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पढ़े एम बी बलवंत सिंह खन्ना ने लिखा है बुक… मां और टीचर्स के हाथों हुआ विमोचन; जानिए किताब की पृष्ठभूमि

  • वीआईपी कल्चर से नहीं अपितु एकदम सादगी के माहौल में हुआ पुस्तक का विमोचन

पामगढ़, जांजगीर-चांपा। एम बी बलवंत सिंह खन्ना की पहली किताब ‘है, तो है’ का विमोचन पामगढ़ के ग्राम पंचायत हिर्री में हुआ। इस विशेष मौके पर कोई प्रशासनिक अधिकारी या राजनैतिक हस्ती नहीं, बल्कि लेखक के गुरुजनों और परिवार के आशीर्वाद से एकदम सादगीपूर्ण माहौल में यह कार्यक्रम हुआ।

लेखक ने अपने गुरु रामखिलावन दिनकर, रामजी खरे और नरेंद्र पाण्डेय का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “मुझे आज यह किताब लिखने की प्रेरणा और ताकत मेरे पहले गुरु से ही मिली है।” किताब में जीवन के सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जैसे कि ‘कम है तो दुखी नहीं, ज्यादा है तो घमंड नहीं’।

इस अवसर पर नरेंद्र पाण्डेय ने लेखक की कड़ी मेहनत और संघर्षों को सराहा, विशेषकर गांव से निकलकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने की प्रेरणादायक कहानी को याद किया। वहीं, रामखिलावन दिनकर ने अपने पुराने छात्र बलवंत की सफलता पर गर्व जताते हुए उसे जीवन में निरंतर प्रगति की शुभकामनाएं दीं।

‘है, तो है’ पुस्तक जीवन में कठिनाइयों से जूझने और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने का संदेश देती है। लेखक ने अपनी माँ और गुरुजनों के आशीर्वाद को पुस्तक के विमोचन के लिए सबसे बड़ी प्रेरणा बताया। लेखक ने इस अवसर पर अपनी दूसरी किताब ‘बड़ा शहर और मैं’ की घोषणा भी की, जो अगले साल प्रकाशित होने वाली है। यह विमोचन समारोह एक प्रेरणा है, खासकर युवा पाठकों के लिए, जो साहित्य से जुड़ने और जीवन की कठिनाइयों को अपनी सकारात्मकता से पार करने की ओर कदम बढ़ाना चाहते हैं।

किताब का मुख्य उद्देश्य अपने सिद्धांतों पर दृढ़ रहना और अपनी वास्तविकता को अपने व्यक्तित्व और आचरण में समाहित करना है। ‘है, तो है‘ इस विचार को ही व्यक्त करती है और यह पुस्तक कठिन परिस्थितियों में सकारात्मक विचारों और ऊर्जा के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना कर पाने की हर किसी को प्रेरणा देती है।

अस्सिटेंट प्रोफेसर और PhD स्कॉलर विनोद सावंत के अनुसार, यह पुस्तक बलवंत के अनुभवों का निचोड़ है, जिसमें उसके जीवन के कई संघर्ष और नई उम्मीदें शामिल हैं। जो भी इस पुस्तक को पढ़ेगा उसे एक सकारात्मक दृष्टिकोण मिलेगा। इस पुस्तक में बलवंत के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलू, जैसे कि संघर्ष, धैर्य, उम्मीद, प्रेम, सम्मान, आशा, विश्वास और अन्य गुणों की प्रेरक कहानियाँ आपको पढ़ने को मिलेंगी, जो आपको प्रेरित और उत्साहित करेंगी। मैं बलवंत को लेखक की यात्रा के लिए शुभकामनाएँ देता हूँ। पुस्तक के लिए बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएँ।

विमोचन में मुख्य अतिथि रहे नरेंद्र पाण्डेय ने स्कूल के दिनों को याद करते हुए कहा कि बलवंत मेरे स्कूल में 2005 से 2007 तक ग्यारहवीं और बारहवीं की पढ़ाई पूर्ण किया उस दौरान से मैं उसके संघर्षों को देखते आ रहा हूँ। बलवंत एवरेज स्टूडेंट से थोड़ा ही ऊपर रहा लेकिन जिस तरीके से एक गाँव से निकल कर राजधानी में जाकर उच्च शिक्षा ग्रहण किया और केवल शिक्षा ही नहीं ग्रहण किया अपितु अनेक पदो पर कार्यरत रहा। उन्होंने आगे कहा कि बलवंत ने अभी पहली किताब अवश्य लिखा उसके लिए मैं बलवंत को शुभकामनाएं देता हूँ लेकिन मैं हमेशा ही बलवंत द्वारा लिखे लेखों को पढ़ता रहा हूं और उसके हर लेखन में मुझे गाँव की खुशबू, गाँव की झलक और पूरी तरह से ग्रामीण परिवेश दिखायी दिया है, यही उसकी सबसे बड़ी पूंजी है। आप कहीं भी जाओ और जीवन के किसी भी क्षेत्र में कार्य करो, लेकिन अपनी जड़ों से मत कटो, जहाँ से निकलकर आगे बढ़े हा,े उसको हमेशा सम्मान दो।

लेखक के प्राथमिक शाला के शिक्षक रहे रामखिलावन दिनकर ने लेखक के प्राथमिक शाला के दिनों को याद करते हुए कहा कि शिक्षक के रूप में मेरी पहली पदस्थापना इसी गाँव में हुई, जहाँ मैंने कई वर्षों तक सेवा दिया। उसी बीच बलवंत को भी मैंने कक्षा पहली से कक्षा पांचवीं तक पढ़ाया है। मुझे बेहद खुशी और गर्व का अहसास हो रहा है कि आज बलवंत ने अपने अनुभवों के आधार पर एक किताब का लेखन किया है और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि उस किताब का विमोचन आज अपने स्कूल में अपपनी माँ और अपने गुरुजनों के हाथों करवाया। मैं बलवंत को आशीर्वाद और शुभकामनाएँ देता हूँ कि वो जीवन में निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर हो। लेखक ने अंत में किताब के विमोचन पर पधारे सभी गुरुजनों, मित्रों और स्नेहीजनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, ष्आप सभी ने हमेशा मुझे सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। कृपया मेरी इस किताब को पढ़ें और अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें, ताकि मुझे और प्रेरणा मिल सके।‘

लेखक का परिचय:
एम बी बलवंत सिंह खन्ना
जन्म-
18 जुलाई 1989
शिक्षा- बी ए (गुरु घासीदास एवं बिलासपुर विश्वविद्यालय बिलासपुर) , एम एस डब्ल्यू (कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय काठडीह रायपुर)
वर्तमान कार्य क्षेत्र- संचालक आखर पी आर कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड रायपुर छत्तीसगढ़।

संपर्क- 7000131479

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