Republic Day 2023: कर्तव्यपथ पर नारीशक्ति, अग्निवीर और आत्मनिर्भर भारत का नजारा… कहानी महिला अग्निवीरों की…चेतना शर्मा ने दिखाई आकाश की ताकत, दिशा अमृत ने किया नेवी का नेतृत्व, सिंधु रेड्डी के हाथ एयरफोर्स की कमान… जानिए गणतंत्र दिवस परेड की 10 बड़ी बातें

नई दिल्ली: 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में कर्तव्यपथ पर भव्य परेड हुई. इस साल गणतंत्र दिवस (Republic Day) समारोह में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी मुख्य अतिथि रहे. गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्यपथ पर देश की आन-बान-शान का शानदार नजारा देखा गया. भारत की अनूठी एकता में पिरोई विविधताओं वाली विरासत, नारी शक्ति और आधुनिक युग की उसकी उपलब्धियां, भविष्य के भारत का खाका और देश की रक्षा करने की फौज की क्षमता का प्रदर्शन हुआ. बतौर प्रथम नागरिक भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर झंडा फहराया.

इस परेड में नारी शक्ति का शौर्य भी दुनिया ने देखा। तीनों सेनाओं का नेतृत्व महिला बिग्रेड ने किया. 3 महिला और 6 पुरुष अग्निवीर पहली बार कर्तव्य पथ (Kartavyapath) पर दिखाई दिए. लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा (lieutenant Chetna Sharma) ने जहां आकाश की ताकत दिखाई तो वहीं, लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत (Lieutenant Commander Disha Amrit) ने नेवी का नेतृत्व किया, जबकि सिंधु रेड्डी (Squadron Leader Sindhu Reddy) ने एयरफोर्स को लीड किया.

आइए जानते हैं शक्ति का शौर्य बनकर गणतंत्र दिवस पर दुनिया का ध्यान खींचने वाली इन महिला ‘अग्निवीरों’ के शौर्य की कहानी..

कौन हैं लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा
लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा इंडियन आर्मी (Indian Army) की वायु रक्षा रेजिमेंट में सैन्य अधिकारी हैं। वह राजस्थान के खाटू श्याम गांव की रहने वाली हैं। चेतना शर्मा NIT भोपाल से ग्रेजुएशन करने के बाद सिविल सेवा प्रवेश परीक्षा की तैयारी में जुट गईं। लगातार 5 प्रयास में असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और 6वें प्रयास में आखिरकार उन्हें सफलता मिली। गणतंत्र दिवस पर चेतना शर्मा डेयरडेविल्स टीम का हिस्सा बन मेड-इन-इंडिया आकाश मिसाइल सिस्टम को लीड करते हुए मोटरसाइकिल की सवारी करती दिखाई दीं।

लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत कौन हैं
मंगलुरु की रहने वाली दिशा अमृत ने कर्नाटक के BMS कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से कंप्यूटर साइंस में पढ़ाई की है। साल 2008 में दिशा NCC की गणतंत्र दिवस टीम का हिस्सा थीं। यहीं से उनका सपना बन गया था कि एक दिन वे तीनों सेनाओं में से किसी एक दल के लिए मार्चिंग करेंगी। इस सपने को पूरा करने में उनका साथ दिया उनके माता-पिता ने। पिता भी सशस्त्र बल में जाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने बेटी का सपना पूरा करने में हरसंभव मदद की। साल 2016 में दिशा नौसेना में शामिल हुई थीं। एक साल की ट्रेनिंग के बाद 2017 में उनकी तैनाती अंडमान और निकोबार में हुई। दिशा वर्तमान में डॉर्नियर विमान की एविएटर हैं। आज सपना पूरा होने पर उन्होंने कहा, ‘मैं तब ज्यादा खुश होती हूं, जब लोग मुझे महिला अधिकारी नहीं सिर्फ अधिकारी कहते हैं। इससे मुझे लगता है कि मैं अपने साथी पुरुष अधिकारियों के बराबर हूं।’ 74वें गणतंत्र दिवस परेड में इंडियन नेवी को लीड किया। इस टुकड़ी में 144 नौसैनिक शामिल हुए और इस बार नौसेना की थीम ‘नारी शक्ति’ है।

एयरफोर्स को लीड करने वाली स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी कौन हैं
गणतंत्र दिवस पर स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी ने एयरफोर्स को लीड किया। सिंधु ने जब 12वीं की परीक्षा पास की थी, तब पिता को बताया कि उनका सपना NDA में जाने का है। पिता कुछ देर सोचते रहे, क्योंकि वे जानते थे कि तब NDA में लड़कियां नहीं जा सकती थी। लेकिन उन्होंने बेटी के हौसले को नहीं तोड़ा और उसे आगे बढ़ने की सलाह दी। वे चाहते थे कि बेटी को इसके बारें में खुद ही जानकारी मिले। ऐसा ही हुआ, जब सिंधु फॉर्म भरने पहुंची तो उन्हें पता चला कि NDA में लड़कियां नहीं जा सकती हैं। इस खबर से सिंधु निराश हुई लेकिन उनका हौसला कम नहीं हुआ और उन्होंने इंजीनियरिंग के जरिए एयरफोर्स में एंट्री का रास्ता ढूंढ निकाला।

बचपन से जहाज उड़ाना चाहती थीं सिंधु
सिंधु का सपना बचपन से ही जहाज उड़ाने का था। जब उन्हें पता चला कि एयरफोर्स में जाकर उन्हें यह मौका मिल सकता है तो उन्होंने खूब मेहनत की। सिंधु बेंगलुरु में एयर शोज देखने हमेशा जाया करती थीं। इंजीनियरिंग के बाद जब उन्होंने एयरफोर्स की परीक्षा दी तो उन्हें सफलता मिली और फिर डेढ़ साल की ट्रेनिंग के बाद एयरफोर्स की फ्लाइंग ब्रांच में मौका मिला। उनकी पोस्टिंग नॉर्थ और ईस्टर्न बॉर्डर पर की गई। अब सिंधु चेतक और चीता हेलिकाप्टर्स में उड़ान भरती हैं। गणतंत्र दिवस पर एयरफोर्स की अगुवाई कर वह गर्व महसूस कर रही हैं।

जानिए गणतंत्र दिवस समारोह की बड़ी बातें…

  • गणतंत्र दिवस समारोह के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचीं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुबह 10.30 बजे तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान की धुन के बीच 21 तोपों की सलामी के साथ परेड शुरू हुई. भव्य परेड देश की सैन्य ताकत और सांस्कृतिक विविधता का मिश्रण थी. इससे पहले, पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की.
  • राजपथ का नाम कर्तव्यपथ किए जाने के बाद सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में पहली गणतंत्र दिवस परेड संपन्न हुई. देश के 74वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य रूप से नारी शक्ति के विभिन्न रूपों के दर्शन हुए. इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में मिस्र के सशस्त्र बलों के एक दस्ते और संगीत बैंड ने भी हिस्सा लिया. मिस्र के मार्चिंग दस्ते में उस देश के सशस्त्र बलों की मुख्य शाखाओं के 144 सैनिक शामिल थे और इसका नेतृत्व कर्नल महमूद मोहम्मद अब्दुलफतेह एलखारासावी ने किया. परेड की शुरुआत मिस्र के सशस्त्र बलों के के दल की मार्च के साथ हुई.
  • केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की महिला टुकड़ी इस वर्ष की मुख्य विशेषताओं में से एक थी. नौसेना सहित कई अन्य मार्चिंग टुकड़ियों में महिलाएं शामिल थीं. एक महिला अधिकारी के नेतृत्व में नौसेना की टुकड़ी में 3 महिलाएं और 6 अग्निवीर सैनिक शामिल थे. ये नई सशस्त्र बल भर्ती योजना के पहले बैच के जवान थे. इस बार 21 तोपों की सलामी पुरानी 25 लोढ़ा तोप के स्थान पर 105 एमएम की भारतीय तोप से दी गई. यह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत को प्रदर्शित करता है.
  • गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय सैन्य उपकरणों में ‘‘मेड इन इंडिया’’ की प्रमुखता रही और यह आत्मनिर्भर भारत की भावना के अनुरूप थी. परेड में मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन, नाग मिसाइल प्रणाली, के-9 बज्र प्रणाली का प्रदर्शन किया गयाा. आकाश मिसाइल प्रणाली के प्रदर्शन की अगुवायी लेफ्टनेंट चेतना शर्मा ने की. इस वर्ष सेंट्रल विस्टा, कर्तव्य पथ, नवीन संसद भवन के निर्माण से जुड़े लोगों, दूध, सब्जी व रेहड़ी पटरी वालों को निमंत्रण भेजा गया, जिन्हें दीर्घाओं में प्रमुखता से स्थान दिया गया.
  • परेड में 17 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, और मंत्रालयों व विभागों की 23 झांकियों का प्रदर्शन किया गया. इनमें उत्तर प्रदेश, केरल, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, असम के अलावा जम्मू कश्मीर, लद्दाख आदि की झांकियां शामिल थीं. कोहरे की परत के कारण दर्शक फ्लाई पास्ट का पूरी तरह से आनंद नहीं ले सके. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की झांकी में संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष का जश्न मनाते हुए बाजरा की रंगोली का प्रदर्शन किया गया.
  • सलामी मंच पर द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी में कर्तव्य पथ पर भारत की संस्कृति के रंगों और रक्षा क्षेत्र की ताकत का प्रदर्शन किया गया. अत्याधुनिक हथियारों, मिसाइलों, लड़ाकू विमानों एवं जहाजों और भारतीय सैनिकों के दस्तों ने किसी भी चुनौती से निपट सकने की देश की ताकत का अहसास कराया. सेना के मर्चिंग दस्ते में डोगरा रेजिमेंट, पंजाब रेजिमेंट, मराठा लाइट इंफैंट्री, बिहार रेजिमेंट, गोरखा ब्रिगेड के अलावा मैकेनाइज्ड इंफैंट्री के जवानों ने चटख सलामी दी.
  • गणतंत्र दिवस परेड में एक प्रमुख आकर्षण सीमा सुरक्षा बलों का ऊंट दस्ता रहा. कर्तव्य पथ पर ऊंट दस्ते को लेकर दर्शकों में खासा उत्साह देखा गया. परेड में भारतीय नौसेना के 144 सदस्यों वाले दस्ते का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत ने किया. इसके साथ ही परेड में नौसेना की झांकी भी प्रस्तुत की गई जिसमें बल की बहुआयामी क्षमता और नारी शक्ति का प्रदर्शन किया गया.
  • परेड में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के उपकरणों एवं झांकी का प्रदर्शन किया गया जो राष्ट्र की सुरक्षा के लिये प्रभावी निगरानी, संचार और खतरों से निपटने पर केंद्रित थी. इसमें स्वदेशी प्रतिरक्षा प्रणाली डब्ल्यूएचएपी सहित अन्य निगरानी उपकरण शामिल हैं.
  • परेड में परम वीर चक्र, महावीर चक्र, अशोक चक्र विजेताओं ने भी हिस्सा लिया. गणतंत्र दिवस पर परेड में वायु सेना के 144 सदस्यों के दस्ते ने भी हिस्सा लिया जिसका नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी ने किया. सबसे आखिर में रोमांच से भर देने वाले युद्धक विमानों को कर्तव्य पथ के उपर से उड़ान भरते देखा गया. धुंध के बीच कम दृश्यता में भी 50 युद्धक विमानों के करतब देखने के लिये लोग उत्सुक नजर आए.
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद मिस्र के राष्‍ट्रपति अब्‍दुल फतह अल सीसी (Abdel Fattah El-Sisi) का आभार प्रकट किया और कहा कि उनकी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ गई. पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा, “मैं राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल सीसी का आभारी हूं कि उन्होंने अपनी गरिमामय उपस्थिति के साथ इस वर्ष के गणतंत्र दिवस समारोह की शोभा बढ़ाई.”

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