साय कैबिनेट के मंत्रिमंडल का हुआ विस्तार: ओपी चौधरी, बृजमोहन अग्रवाल सहित 9 विधायकों ने लिया मंत्री पद का शपथ… 12 में से 7 नए चेहरे, 5 पुराने

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आज मंत्री मंत्रिमण्डल का विस्तार कर दिया गया है। सीएम विष्णुदेव साय के कैबिनेट में इस बार कुछ नए तो कुछ पुराने चेहरों को मौका दिया गया है। विष्णुदेव साय के मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण हो गया। साय मंत्रिमंडल में जिन 9 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली, उनमें 3 पहली बार के विधायक हैं और पहली बार में ही मंत्री बने हैं। इससे पहले विष्णुदेव साय ने अरुण साव और विजय शर्मा को शपथ दिलाई थी। अरुण साव और विजय शर्मा पहली ही बार जीतकर आए और मंत्री बने। इस तरह 12 लोगों के मंत्रिमंडल में 5 चेहरे पहली बार विधायक बने और पहली ही बार में मंत्री बने हैं।

आज शपथ लेने वालों में पांच विधायक ऐसे हैं जो पहली बार मंत्री बने हैं लक्ष्मी राजवाड़े , टंकराम वर्मा, ओपी चौधरी, श्यामबिहारी जायसवाल और लखनलाल देवांगन ।

12 लोगों के मंत्रिमंडल में 5 विधायक ऐसे हैं, जो पहली बार विधायक बने और पहली ही बार में मंत्री- इसमें अरुण साव, विजय शर्मा, लक्ष्मी राजवाड़े, टंकराम वर्मा, ओपी चौधरी शामिल हैं। 12 लोगों के मंत्रिमंडल में 7 विधायक ऐसे हैं, जो पहली बार मंत्री बने- इसमें अरुण साव, विजय शर्मा, लक्ष्मी राजवाड़े, टंकराम वर्मा, ओपी चौधरी, श्याम बिहारी जायसवाल और लखनलाल देवांगन शामिल हैं।

पांच पुराने चेहरे जो विधायक व मंत्री रहे हैं
विष्णुदेव साय, रामविचार नेताम, बृजमोहन अग्रवाल, दयालदास बघेल और केदार कश्यप

13 सदस्यीय मंत्रिमंडल में अभी एक सीट खाली

मुख्यमंत्री सहित प्रदेश मंत्रिमंडल में 13 सदस्यों की जगह है। सीएम विष्णुदेव साय और दो डिप्टी सीएम बनने के बाद 9 मंत्री बनाए गए हैं। अभी एक सदस्य की जगह खाली है। 12 सदस्यीय कैबिनेट में अभी 6 ओबीसी, 3 आदिवासी, 2 सामान्य और 1 एससी हैं।

पांच चेहरे पहली बार विधायक बने, पहली ही बार में मंत्री, जानिए क्यों

लक्ष्मी राजवाड़े: ओबीसी चेहरा। सरगुजा संभाग में चार सामान्य सीट है। अंबिकापुर, प्रेमनगर, भटगांव, बैकुंठपुर और मनेंद्रगढ़ सामान्य सीट है। प्रेमनगर से भुलनसिंह मरावी को लड़ाया, जो आदिवासी हैं। 14 सीटें सरगुजा में जीते। पांच महिलाएं यहां से जीतकर आईं। लक्ष्मी के अलावा सांसद गोमती साय, रेणुका सिंह, शकुंतला पोर्ते और रायमुनि भगत चुनकर आईं। लो प्रोफाइल और संगठन की पसंद के कारण।

ओपी चौधरी:ओपी चौधरी भी पहली बार विधायक चुने गए। 2018 में आईएएस की नौकरी से इस्तीफा दिया और चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। इस बार रायगढ़ से जीते। अमित शाह की पसंद। उन्होंने कहा था इन्हें जिताइए बड़ा आदमी बनाएंगे। मंत्री बनाया।

टंकराम वर्मा: विधायक से मंत्री टंकराम वर्मा को मंत्रालय में कामकाज का लंबा अनुभव है। वह दयालदास बघेल के पीए भी थे। साथ ही कुर्मी समाज में उनकी अच्छी खासी पकड़ है। वह टंकराम वर्मा भागवत कथा और रामायण पाठ करवाने के लिए अपने क्षेत्र में जाने जाते हैं। सांसद और मंत्री के पीए रहने के बाद वर्मा खुद मंत्री बने हैं।

अरुण साव: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने। बड़ा ओबीसी चेहरा। पहली बार सांसद बने, पहली बार भाजपा अध्यक्ष बने और अब पहली बार विधायक बनने के साथ ही डिप्टी सीएम की प्रोफाइल मिली। आरएसएस से जुड़े रहे। संघ की भी पसंद।

विजय शर्मा: विजय शर्मा को हिन्दुत्व के चेहरे के रूप में पेश किया गया। कवर्धा से मोहम्मद अकबर को हराया, जो दिग्गज मंत्री थे। वहां सांप्रदायिक तनाव हुए। उस वक्त भाजपा के जिला अध्यक्ष थे। जेल गए। बाद में पार्टी में हिन्दुत्व का चेहरा बनकर सामने आए। डिप्टी सीएम बनाए गए।

बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, दयालदास बघेल, केदार कश्यप, लखन लाल देवांगन​​​​​, श्यामबिहारी जायसवाल, ओपी चौधरी, लक्ष्मी राजवाड़े और टंकराम वर्मा ने आज मंत्री पद की शपथ ली।

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