खैरागढ़ उपचुनाव में राजपरिवार से दो दावेदार, भाजपा से रमन के भांजे विक्रांत की दावेदारी सबसे मजबूत: 17 मार्च से नामांकन, 16 को मिल जाएगा खैरागढ़ को नया विधायक, भाजपा से ज्यादा कांग्रेस में दावेदारों की संख्या

भिलाई। खैरागढ़ उपचुनाव के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है। आज से आचार संहिता का ऐलान हो गया है। खैरागढ़ में विधानसभा चुनाव 12 अप्रैल को होना और 16 अप्रैल को खैरागढ़ को नया विधायक मिल जाएगा। दिवंगत नेता देवव्रत सिंह के निधन के बाद से यह सीट खाली है। कांग्रेस और भाजपा में चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों की लंबी फौज है। सबसे ज्यादा नाम कांग्रेस से है।

राजपरिवार यानि स्व. देवव्रत सिंह के घर से उनकी पूर्व पत्नी पद्मादेवी और उनकी बहन स्मृति भार्गव चुनाव के लिए दावेदारी कर रही हैं। स्मृति भार्गव जबलपुर से है। लेकिन पिछले दिनों सूबे के स्वास्थ्य मंत्री और राजा टीएस सिंहदेव से मुलाकात की थी।

वहीं देवव्रत की पूर्व पत्नी पद्मादेवी ने भी खुले तौर पर दावेदारी कर दी है। इसके अलावा भाजपा से जिला पंचायत के उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह का नाम सबसे प्रमुख है। विक्रांत पूर्व सीएम रमन सिंह के भांजे हैं।

खैरागढ़ से टिकट के लिए इनकी दावेदारी प्रमुख…
– कांग्रेस: स्व. देवव्रत सिंह के पूर्व पत्नी पद्मादेवी ने टिकट मांगी है। दूसरी पत्नी विभा सिंह के खिलाफ खुलकर मुहखर हुई थी। तभी से कयास लगाए जा रहे थे। अभी खैरागढ़ में रह रही हैं। इसके अलावा जबलपुर में रहने वाली स्व. देवव्रत सिंह की बहन स्मृति भार्गव ने टिकट मांगी है।

उनके अलावा पूर्व विधायक गिरवर जंघेल ने दावेदारी की है। पिछला चुनाव हार गए थे। तीसरे नंबर पर आए थे। दावेदारों की लिस्ट में प्रोफेश्नल कांग्रेस के अध्यक्ष उत्तम ठाकुर का भी नाम है। ब्लॉक अध्यक्ष यशोदा वर्मा ने भी टिकट के लिए दावेदारी कर दी है।

जिला पंचायत सदस्य निर्मला विजय वर्मा ने भी टिकट मांगी है। जिला पंचायत सदस्य ममता राजेशपाल ने चुनाव के लिए दावेदारी की है। इसके अलावा कांग्रेस जिला महासचिव रणजीत सिंह चंदेल और विक्रांत से चुनाव हारने वाली दशमथ जंघेल की दावेदारी है।

– भाजपा: उप चुनाव के लिए भाजपा से टिकट मांगने वालों की लिस्ट में पहले नंबर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह हैं। विक्रांत सिंह के नाम की चर्चा काफी पहले से हो रही है। विक्रांत पूर्व सीएम रमन सिंह के भांजे हैं।

उनके अलावा पूर्व संसदीय सचिव कोमल जंघेल की भी दावेदारी हैं। जो लगातार दो चुनाव हार चुके हैं। इसके अलावा गंडई इलाके से खंभन ताम्रकार और छुईखदान इलाके से आने वाली लोकेश्वरी जंघेल का नाम दावेदारों की सूची में है।

चुनाव शेड्यूल पर एक नजर…
निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम के मुताबिक उप चुनाव की प्रक्रिया 17 मार्च को अधिसूचना के प्रकाशन से शुरू हो जाएगा। उसी दिन से नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। नामांकन की आखिरी तारीख 24 मार्च निर्धारित की गई है। 25 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। 28 मार्च तक प्रत्याशियों को अपने नाम वापस लेने का मौका दिया जाएगा।

उसके बाद वैध प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया जाएगा। खैरागढ़ सीट पर मतदान 12 अप्रैल को होना है। 16 अप्रैल को मतगणना और परिणाम जारी होंगे। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के देवव्रत सिंह ने इस सीट पर भाजपा की कोमल जंघेल को केवल 870 वोटों के अंतर से हराया था। नवम्बर 2021 में देवव्रत सिंह का निधन हो गया।

इसके बाद से यह सीट खाली है। भाजपा हर हाल में यह सीट जीतने की कोशिश में हैं ताकि स्थानीय चुनाव में हार का सिलसिला तोड़ा जा सके। वहीं कांग्रेस इस सीट को अपने खाते में जोड़ने के लिए जमीनी तैयारियां शुरू कर चुकी है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ भी सीट को बरकरार रखने की कोशिश में है।

291 मतदान केंद्रों पर डाले जाएंगे वोट
छत्तीसगढ़ की अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी शिखा राजपूत तिवारी ने बताया, खैरागढ़ उप चुनाव के लिए 291 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से 54 मतदान केंद्र अति संवेदनशील हैं। जिले में मतदान की पूरी तैयारी कर ली गई है। कोरोना महामारी को ध्यान में रखकर भी सुविधा जुटाई गई है।

आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू
निर्वाचन आयोग ने बताया, चुनाव का कार्यक्रम जारी होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। यह आचार संहिता राजनांदगांव जिले में खैरागढ़ क्षेत्र में लागू होगी। चुनाव पूरा होने तक सरकार खैरागढ़ को लेकर कोई नई घोषणा नहीं कर पाएगी।

निर्वाचन आयोग ने जिन चार राज्यों में उप चुनाव का कार्यक्रम जारी किया है उनमें छत्तीसगढ़ के अलावा पश्चिम बंगाल, बिहार और महाराष्ट्र शामिल है। पश्चिम बंगाल में आसनसोल और बालीगंज में उप चुनाव होना है। बिहार के बोचाहन और महाराष्ट्र के कोल्हापुर उत्तरी में भी खैरागढ़ के साथ ही उप चुनाव होना है।

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