CG विधानसभा में विशेष सत्र का दूसरा दिन: CM भूपेश ने सदन में पेश किया 4337 करोड़ 75 लाख रुपए से अधिक का अनुपूरक बजट का प्रस्ताव…आरक्षण पर विधेयक होगा पेश; कार्यवाही शुरू होते ही BJP का हंगामा; जानिए

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में विशेष सत्र के दूसरे दिन की कार्रवाई चल रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में 4337 करोड़ 75 लाख 93 हजार 832 रुपए से अधिक का अनुपूरक बजट का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। विशेष सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और सामान्य वर्ग के गरीबों (EWS) के लिए आरक्षण का नया अनुपात तय करने वाला विधेयक पेश करने वाले हैं। इसी के साथ विधानसभा एक संकल्प भी पारित करने जा रहा है। इसमें केंद्र सरकार से आग्रह किया जाएगा कि वे आरक्षण कानून को संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल कर लें।

इसके पूर्व सदन में अजय चंद्राकर ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम पर विशेषाधिकार भंग करने का आरोप लगाकर कार्यवाही की मांग की है। इसके साथ ही कहा है कि, विधानसभा की अधिसूचना से पहले मोहन मरकाम को कैसे पता चला कि 2 दिसम्बर को बिल पेश होगा। हालाकि इस पर विधानसभा अध्यक्ष महंत ने कहा कि वे इस पर अपना फैसला बाद में देंगे। इधर विपक्ष ने सदन से वाकआउट किया है।

जानिए किसने क्या कहा :-

  • स्पीकर डॉक्टर चरणदास महंत ने कहा कि, सदन में जो भी व्यापर हुआ आया है, यह कार्यमंत्रणा समिति की तरफ़ से ही आया है।
  • संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि, हमने आरक्षण के विषय पर ही विशेष सत्र आहुत कराया है। पूरे प्रदेश के नुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और सामान्य वर्ग के गरीबों (EWS) के आरक्षण के लिए विशेष सत्र बुलाया गया है। क्या आप इसका विरोध कर रहे हैं?
  • भाजपा MLA शिव रतन शर्मा ने कहा कि, सत्र की अधिसूचना जारी होने के पहले PCC चीफ़ मोहन मरकाम को सत्र की जानकारी कैसे मिली? यह विधानसभा का अपमान है।
  • नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि, कार्य संचालन की ख़िताब में ये कहां लिखा है कि विशेष सत्र बुलाया जा सकता है।
  • भाजपा MLA ननकी राम कंवर ने कहा कि आरक्षण के मामले में सरकार ने कोर्ट में ठीक ढंग से जवाब नहीं दिया।

भाजपा ने कहा ये गंभीर विषय है कि जब किसी को यह नहीं पता कि सत्र कब शुरू होगा। क्या सरकार ने चुनाव आयोग से अनुमति मांगी कि हम विशेष सत्र बुला रहें है। 19 सितम्बर को आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट का फ़ैसला आया था। दो महीने बाद तक सरकार का ध्यान इस ओर नहीं आया। सरकार अधिसूचना जारी कर सकती थी। भानुप्रतापपुर उप चुनाव 5 दिसम्बर को है। हमारा अनुरोध है कि सत्र 9 दिसंबर को बुलाया जाए। 8 दिसंबर को उप चुनाव के नतीजे आ जाएंगे।

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