ये खबर सबक देने वाली: आतंकवादी संगठन के नाम से फंसाने की धमकी, भिलाई के सीनियर सिटीजंस से लाखों की ठगी…पहले आया था एक अंजान कॉल, फिर शुरू हुई…

भिलाई। कई बार अंजान कॉल मुसीबत बन जाती है। लोग बुरे फंस जाते हैं। ताजा मामला नेवई थाना क्षेत्र का है। जहां एक सीनियर सिटीजंस ने कंप्लेन दर्ज कराया है। सीनियर सिटीजंस की शिकायत पर पुलिस ने मामला पंजीबद्ध कर लिया है।

इस मामले में एक अंजान कॉल आता है और वह महिला खुद को अधिकारी बताकर ऑफर देती है। लालच देती है। इस लालच में बुरे फंस जाते हैं भिलाई के सीनियर सिटीजंस…फिर क्या, ब्लेकमेल पर ब्लेकमेल। आतंकवादी संगठन से मिलीभगत का हवाला देकर फंसाने तक की धमकी दी गई। त्रस्त होकर सीनियर सिटीजंस ने कंप्लेन दर्ज कराई और एफआईआर हो गई।

पूरा मामला क्या है, यह समझिए
वित्त मंत्रलाय दिल्ली का अधिकारी बताकर खरीदे गये इंशोरेंस कंपनी के नाम पर ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है। घटना की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात मोबाइल धारक के खिलाफ धारा 420 के तहत जुर्म दर्ज किया है।

नेवई पुलिस ने बताया कि 3/सी क्रास स्ट्रीट 10 शक्ति विहार कालोनी ,रिसाली निवासी चंद्रभान वर्मा ने शिकायत किया हैं कि मोबाईल नंबर 8954211157 से अज्ञात व्यक्ति द्वारा काल कर स्वयं को वित्त मंत्रलाय दिल्ली का अधिकारी बताकर पूर्व में खरीदे गये इंशोरेंस कंपनी एचडीएफसी की दो पालिसी 25000 और 50000 रुपये वर्ष 2013, बिरला सन लाईफ इंशोरेंस की चार पालिसी 15000, 15000, 21000 ,22000 रुपये वर्ष 2013 का मैचौरिटी रकम वापस दिलाना आवश्वाशन दिया।

उक्त मोबाईल नंबर धारक द्वारा अपने एयु स्माल फायनेंस बैक फरीदाबाद के खाते में विभिन्न दिनांक वर्ष 2020 – 2021 में कुल 14,31,859 रुपये,मोबाईल नंबर 7830631489 से बात कर एयु स्माल फायनेंस बैक फरीदाबाद के खाता पर वर्ष 2020- 2021 में 1,34,862 जमा कराया।

कुल 15,66,721 रुपये जमा कराया । इसके अलावा अज्ञात मोबाइल नंबर धारक ने पीड़ित को इंशोरेंश कंपनी की रकम वापसी का झांसा देकर 17,66,719 रूपया जमा कराकर ठगी किया।

पीड़ित को फोन नम्बर 8954211157 से बात नही हो पा रहा था। फिर 10 मई को मोबाइल नम्बर 9758208632 (रजनी सैनी) का काल आया। महिला स्वयं को DSP प्रर्वर्तन निदेशालय बताया था।

महिला ने सीनियर श्रीकांत वर्मा से बात कराया उसके बाद धमकी दिया की पीड़ित का पूरा पैसा आतंकवादी एवं आंदोलनकारी गतिविधियो में उपयोग होने का झांसा दिया और इससे बचने के एवज में पीड़ित से 99,999 रुपये ट्रांसफर रामसिंह टोमर के बैंक में कराया गया। इस तरह लगातार पीड़ित के साथ ठगी किया गया।

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