सपा नेता आजम खान की विधायकी रद्द: हेट स्पीच केस में 3 साल की सुनाई गई है सजा…BJP नेता और IAS की शिकायत में फंसे; पढ़िए पूरी कहानी

लखनऊ। हेट स्पीच के मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) नेता आजम खान की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई है। गुरुवार को रामपुर कोर्ट ने आजम खान को 3 साल की जेल की सजा सुनाई थी। अनुमान पहले से लगाया जा रहा था कि आजम खान की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर हो सकती है। क्योंकि उन्हें दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई गई थी।

जिस मामले में आजम खान को ये सजा हुई है, वो 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान का है। कथित रूप से आजम खान ने रामपुर की मिलक विधानसभा में एक चुनावी भाषण के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं।

इसकी शिकायत भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने की थी। इसी मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट 27 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाते हुए आजम खान को दोषी करार दिया है।

अब आजम की सदस्यता इसलिए रद्द की गई है क्योंकि साल 2002 में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में किए गए संशोधन के मुताबिक सजा की अवधि पूरी होने के बाद छह साल तक चुनाव लड़ने की पाबंदी रहती है।

पहले ये पाबंदी फैसला सुनाने के दिन से ही लागू होती थी। इसके अनुसार सजा प्राप्त व्यक्ति अपनी सजा पूरी करने के बाद भी छह साल तक चुनाव नही लड़ सकेगा।

इस कहानी का एक अहम किरदार है वह आईएएस अफसर, जिसकी आजम खान ने कभी जमकर लानत-मलानत की थी। यहां तक कि आजम ने उस आईएएस से अपने जूते तक साफ कराने की बात कह डाली थी। इस आईएएस का नाम है आंजनेय कुमार। फिलहाल वह मुरादाबाद के मंडलायुक्त हैं। आइए जानते हैं पूरी कहानी…

यह है पूरी कहानी
सन 2019 में देश में लोकसभा के चुनाव चल रहे थे। रामपुर में डीएम थे आंजनेय कुमार सिंह। आजम खान की तूती बोलती थी। आलम यह था कि आजम के सामने बोलने की हिम्मत अफसर नहीं जुटा पाते थे।

लोकसभा चुनाव के दौरान डीएम आंजनेय जिला निर्वाचन अधिकारी की भूमिका में थे। इस दौरान आजम खान लगातार उनके ऊपर निशाना साध रहे थे। अफसरों पर हमला बोलते-बोलते आजम शब्दों की मर्यादा तक लांघ गए थे।

आजम खान ने इस दौरान डीएम से जूते साफ कराने तक की बात भी कह डाली थी। वहीं, डीएम आंजनेय, आजम खान के बयानों पर कानूनी शिकंजा कसते जा रहे थे। एक के बाद एक मुकदमे दर्ज होते गए। आजम खान के बयान किस कदर अपमानजनक थे, इसका अंदाजा उस एफआईआर से लगाया जा सकता है, जिस केस में उन्हें सजा सुनाई गई है।

एफआईआर के मुताबिक आजम ने कहा था कि डीएम अंधा हो गया है। इन जैसे कितने डीएम ने मेरे ऑफिस में खड़े-खड़े पेशाब कर दिया है। लोकसभा चुनाव खत्म होते ही आजम के खिलाफ कई केसेज दर्ज किए गए। आईएएस आंजनेय का कहना है कि हमने पूरी तरह से निष्पक्ष चुनाव कराया था। प्रशासन के आरोप कोर्ट में सही साबित हुए।

92 मुकदमें लंबित
2019 में आजम पर दर्ज हुए मुकदमों की संख्या 93 थी। अभी सिर्फ एक मामले में फैसला आया है। इस तरह देखा जाए तो अभी 92 केसेज में फैसला आना बाकी है। यह तो हो गई केवल आजम खान की बात। आजम फैमिली के लिए मुसीबतें यहीं खत्म नहीं होने वाली। आजम के अलावा उनकी पत्नी पूर्व एमपी तजीन फात्मा के खिलाफ 34, एमएलए

बेटे अब्दुल्ला आजम पर 46 और बड़े बेटे अदीब पर 32 मुकदमे हैं। आजम की बहन निकहत पर भी 30 मुकदमे हैं। इस मुकदमेबाजी में परिवार को काफी समय जेल में गुजारना पड़ा है। पत्नी 10 महीने, बेटा 23 महीना जेल में रहे। वहीं आजम भी लंबे अरसे जेल में रहे हैं।

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