भिलाई। माइलस्टोन अकादमी में सोमवार को स्कूल की बालिकाओं के हार्मोन परिवर्तन संवेदनशीलता पर उद्बोधन कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि शाला की डायरेक्ट डॉ.ममता शुक्ला थी। कार्यक्रम का उद्देश्य बालिकाओं की मन: स्थिति को समझना एवं समझाना था ,छात्राओं का उन्हीं से परिचय करवाना था, उन्हें मैं का अर्थ समझाना था। इस उद्देश्य के साथ कदम बढ़ाते हुए अपनी बात को डायरेक्टर ने बड़ी सहजता एवं सरलता से सभी छात्राओं के मन में उतारा। इस कार्यक्रम में कक्षा छठवीं से दसवीं तक की छात्राओं ने हिस्सा लिया।

बालिकाओं की झिझक को मिटाने के लिए उन्होंने विभिन्न गतिविधियों के द्वारा उनके मन की बात को जानने की कोशिश की। इस बात का भरोसा दिलाया कि उनकी सारी बातों को सुनकर उनका समाधान अनिवार्य तौर पर बताया जाएगा। जैसा देश वैसा भेष की कल्पना के आधार पर उन्होंने अपनी बात को बड़े ही रोचक तरीके से सभी विद्यार्थियों को समझाया कि उन्हें स्थिति, स्थान ,समय देखकर ही अपनी पोशाक का चुनाव करना चाहिए। हमारे व्यक्तित्व को निखारने में पोशाक की अहम भूमिका है इस बात का परिचय छात्राओं से करवाया। हमारी खुशियों को हमसे बेहतर कौन जानता है। इस बात के आधार पर उन्होंने सभी छात्राओं को ‘मैं’ से मिलवाया।

उनकी विशेषताओं को दूसरा कोई क्यों बताएं। उन्हें अपना महत्व समझाया ताकि वे अपने जीवन में अपने लक्ष्य को साध कर सफलता प्राप्त करें और समय को बर्बाद ना करें। हार्मोन के बदलाव के कारण होने वाले मानसिक एवं शारीरिक परिवर्तन के बारे में भी बताया गया। बॉडी शेमिंग जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने सभी छात्राओं को समझाया कि ना इसका शिकार हो ना किसी और को इसका शिकार बनाएं। माय बॉडी माय रूल्स इस बात को अपनाकर हम अपनी सफलता बिना किसी झिझक, भय के प्राप्त कर सकते हैं। इस दौरान छात्राओं ने अपने प्रश्नों के द्वारा सभी बातों का समाधान प्राप्त किया। कार्यक्रम की सफल समाप्ति पर डॉ डायरेक्टर ममता शुक्ला ने सभी छात्राओं को शुभकामना देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।


