भिलाई। मानहानि मामले में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष एवं वायनाड से सांसद राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने पर वरिष्ठ कांग्रेस विधायक एवं छत्तीसगढ़ राज्य भंडारगृह के अध्यक्ष अरुण वोरा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि डरी हुई सत्ता राहुल गांधी जी के सवालों का जवाब देने में असमर्थ है। केंद्र की मोदी सरकार अडानी से अपने रिश्ते का खुलासा करने की जगह पहले माइक बंद कर आवाज दबाने का काम करती रही अब जब भारत जोड़ो यात्रा के बाद पूरा देश यह सवाल पूछ रहा है कि मोदी जी के शासन के दौरान किसी एक ही व्यक्ति ने कोरोना काल में कैसे अपनी संपत्ति को हजारों गुना बढ़ा लिया तब भाजपा के पास मुंह छिपाने की कोई जगह नहीं बची। राहुल गांधी जी की संसद सदस्यता रद्द किया जाना देश मे लागू अघोषित आपातकाल का साक्षात प्रमाण है । राहुल गांधी ने केवल देश में हुए भ्रष्टाचार का सवाल उठाया था एवं लगातार उठाते रहेंगे कांग्रेस पार्टी का एक एक कार्यकर्ता एवं प्रबुद्ध भारतीय समाज राहुल जी एवं कांग्रेस पार्टी के साथ है। कांग्रेस पार्टी ने भारत की जनता के सहयोग से देश को इसरो, एम्स, डीआरडीओ, आईआईटी, भेल, सेल जैसी संस्थाएं समर्पित की हैं। आरटीई, आरटीआई, शिक्षा का अधिकार, मनरेगा से रोजगार का अधिकार जैसी योजनाओं से सर्वहारा वर्ग के हितों का संरक्षण एवं नागरिक सशक्तिकरण का काम किया वहीं भाजपा ने देश को सांप्रदायिक एवं जातीय वैमनस्यता के अलावा कुछ नहीं दिया है। अब जबकि जनता कांग्रेस की ओर पुनः उम्मीद से देख रही है तब घबराई हुई केंद्र सरकार ईडी, सीबीआई से लेकर दिल्ली पुलिस व लोक सभा अध्यक्ष तक के अधिकारों का अतिक्रमण कर विपक्षी नेताओं को परेशान करने एवं दबाने के लिए प्रयासरत है। राहुल जी एवं कांग्रेस कार्यकर्ता इस दमनकारी नीति से डरने वाले नहीं है जनहित की आवाज लगातार उठाई जाएगी हिटलरशाही भारत की जनता नहीं सहन करने वाली।
वोरा ने कहा कि जल्द ही उच्च न्यायालय से राहुल गांधी जी एवं सत्य के पक्ष में फैसला आएगा।