रायपुर। कोयला घोटाला मामले में जेल में बंद निलंबित आईएएस रानू साहू की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर कर ली है। कोर्ट ने रानू साहू को नियमित जमानत दे दी है। उनके साथ ही सुनील अग्रवाल और दीपेश टांक की भी जमानत मंजूर कर ली है।
रानू को जो जमानत मिली है वह ED के मनी लॉन्ड्रिंग और कोयला घोटाला से संबंधित है। लेकिन EOW ने रानू साहू के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के तहत भी मामला दर्ज किया है। जिस वजह से वे जेल में बंद है।
EOW ने अपनी FIR में बताया है कि रानू साहू जुलाई 2021 से जुलाई 2022 तक कलेक्टर कोरबा के रूप में पदस्थ रहीं। उन्होंने लोक सेवक के रूप में कार्य करते हुए ये संपत्तियां अर्जित की। रानू साहू ने सूर्यकांत तिवारी और उसके सिंडिकेट के सदस्यों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची।
540 करोड़ रुपए के कोल लेवी वसूली मामले में ईडी ने 21 जुलाई 2023 को रानू साहू के देवेंद्र नगर स्थित सरकारी घर पर ईडी ने छापा भी मारा। इससे पहले रायगढ़ कलेक्टर रहने के दौरान भी उनके ठिकानों पर छापा मारा गया था। 22 जुलाई को रानू साहू को ईडी ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद निलंबित कर दिया गया था। 540 करोड़ रुपये के कोल घोटाले में आइएएस रानू साहू के अलावा सौम्या चौरसिया, समीर विश्नोई, एसएस नाग, सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया गया था।
विशेष न्यायालय और हाई कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद इसी साल 7 जुलाई को रानू साहू को सुप्रीम कोर्ट ने 1 माह के लिए अंतरिम जमानत प्रदान की थी। पर इससे पहले ईडी ने आईएएस रानू साहू,समीर विश्नोई और पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ ईओडब्लयू ने भी तीनों पर आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। जिसके चलते रानू साहू को जेल से बाहर नहीं आ पाई। रानू साहू के अलावा कारोबारी दीपेश टांक और सुनील अग्रवाल को भी नियमित जमानत मिली है। पर रानू साहू ईओडब्ल्यू के मामले के चलते नियमित जमानत मिलने के बाद भी बाहर नहीं आ पाएंगी।