भिलाई। दुर्ग जिले के भिलाई पब्लिक स्कूल, मरोदा में शिक्षक दिवस का आयोजन गुरुवार को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ किया गया। इस खास अवसर पर छात्रों ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रोग्राम प्रस्तुत किया। जिसमें नृत्य और संगीत की प्रस्तुति प्रमुख रही। छात्राओं ने पारंपरिक और आधुनिक नृत्य के माध्यम से टीचर्स के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। 11वीं और 12वीं के छात्रों द्वारा आयोजन किया गया। आयोजन के दौरान भिलाई पब्लिक स्कूल मरोदा के डायरेक्टर एचपीएस उप्पल, प्रिंसिपल हरविंदर कौर, डायरेक्टर एकेडमिक्स डॉ. प्राशि तिवारी, हेड मिस्ट्रेस बेतसेबा रानी,ऑफिस सुपरिटेंडेंट पल्लवी भुरे और तमाम शिक्षक और नॉन टीचिंग स्टाफ मौजूद रहें।
कार्यक्रम की शुरुआत डायरेक्टर एचपीएस उप्पल के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने शिक्षकों के योगदान को सराहा। डायरेक्टर उप्पल ने छात्रों को मोटीवेट किया और टीचर्स के कड़ी मेहनत की तारीफ़ की। इसके साथ ही उन्होंने समाज में शिक्षकों की अहमियत क्यों जरुरी है ये भी बताया। उन्होंने भिलाई पब्लिक स्कूल की पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने अंत में कहा कि, आपकी सफलता ही हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है। एक बार फिर से, आप सभी का धन्यवाद और शुभकामनाएं। इसके बाद, छात्रों ने रंगारंग नृत्य प्रस्तुत किया जिसने सभी का मन मोह लिया।

प्रिंसिपल हरविंदर कौर ने कहा कि, आज शिक्षक दिवस के इस विशेष अवसर पर मैं आप सभी का धन्यवाद करती हूं। शिक्षक का जीवन केवल शिक्षा देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा मार्गदर्शन है जो विद्यार्थियों को सही दिशा दिखाता है। हमें सबसे बड़ी संतुष्टि तब मिलती है, जब हम देखते हैं कि हमारे विद्यार्थी जीवन में सफलता प्राप्त कर रहे हैं और अच्छे इंसान बन रहे हैं।
डायरेक्टर एकेडमिक्स डॉ. प्राशि तिवारी ने कहा कि, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के आदर्शों को याद करते हुए, हम सभी का कर्तव्य है कि हम न केवल ज्ञान दें, बल्कि मूल्य भी सिखाएं। आज आप सभी का स्नेह और आदर देखकर दिल गर्व से भर जाता है। किसी भी व्यक्ति के लिए जीवन में सबसे पहला शिक्षक उसकी मां होती है। क्योकि वहीं उसे सबसे पहले सबकुछ सिखाती है।
शिक्षकों का सम्मान समारोह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जहां उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। सभी छात्रों ने मिलकर शिक्षकों के प्रति अपने आदर और सम्मान को प्रकट किया। इस प्रकार, शिक्षक दिवस का यह विशेष आयोजन भावनाओं से भरपूर और यादगार बना।