रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र सांसद सोहन पोटाई को श्रद्धांजलि देने के बाद गर्मजोशी से शुरू हुआ। सदन में पामगढ़ विधायक इंदू बंजारे ने सवाल उठाते हुए महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया से सवाल पूछा कि, पामगढ़ क्षेत्र में कितने आगंनबाड़ी केंद्र संचालित है, कितने आंगनबाड़ी केंद्र भवन विहिन है और कितने किराए के भवन में संचालित है। वित्तीय वर्ष में 2021-22 में कितने आंगनबाड़ी भवन में बनाए गए हैं।

इंदू बंजारे के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री अनिला भेड़िया ने सदन में बताया कि वित्तीय वर्ष में 2021-22 में एक भी नए भवन नहीं बनाए गए। केंद्र से बजट नहीं मिला। नए भवनों के लिए सरकार की अलग-अलग एजेंसियों के समन्वित प्रयास जारी है। शहरी क्षेत्रों के लिए बजट में 100 नए भवनों के लिए स्वीकृति मिली है। इसके लिए केंद्र सरकार को भी पत्र लिखा गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की बराबर हिस्सेदारी से आंगनबाड़ी के नए भवनों का निर्माण होता है।

छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान उद्योगों पर बकाया जल कर का मुद्दा उठा। प्रकाश शक्राजीत नायक ने रायगढ़ जिले के उद्योगों पर बकाया की जानकारी मांगी। मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि रायगढ़ जिले के 76 उद्योगों पर 19392.068 लाख रुपए जलकर बकाया है।

विधायक नायक ने मंत्री से सवाल किया कि जिन उद्योगों ने जल कर जमा नहीं किया, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है? मंत्री ने बताया कि उद्योगों को बकाया वसूली के लिए नोटिस जारी किया गया है और नियम के अनुसार कार्यवाही की जा रही है। विधायक ने पूछा कि क्या जल कर जमा नहीं करने पर उद्योगों में जल आपूर्ति बंद करने का प्रावधान है? मंत्री ने अपने जवाब में बताया कि विभाग और उद्योग के बीच करार होता है। इसके मुताबिक बिल मिलने के 30 दिन के भीतर भुगतान करना होता है। बिल जारी होने के बाद तीन महीने तक यदि भुगतान नहीं किया जाता तो 24 प्रतिशत की दर से ब्याज और एक प्रतिशत वार्षिक की दर से शुल्क वसूली का नियम है। 6 महीने की अवधि तक भुगतान नहीं करने पर करार भंग माना जाएगा। इसके बाद गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जाती है।

बकाएदार उद्योग की सूची–




छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज एक बार फिर से बिलासपुर सीवरेज का मुद्दा गूंजा। शून्यकाल में विधायक धर्मजीत सिंह, शैलेष पांडेय ने इस मुद्दे को उठाया। नेताद्वय ने कहा कि बिलासपुर का सीवरेज जी का जंजाल बन गया है। आये दिन इस सीवरेज की वजह से दुर्घटनाएं होती रही है। पिछले दिनों ने 17 साल के एक बच्चे की सीवरेज के लिए बनाये गये गड्ढे में डूबकर मौत हो गयी। विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि सीवरेज के लिए जहां-जहां गड्ढे किये गये हैं, वहां सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिये। इस मामले में अधिकारियों पर कार्रवाई के साथ-साथ कलेक्टर और कमिश्नर को निर्देशित करने की मांग की गयी, कि गड्ढे के आसपास सुरक्षा की उचित व्यवस्था की जाये।

वहीं बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय इस मामले को उठाते कहा कि आये दिन सीवरेज की वजह से बिलासपुर में हादसे होते रहते हैं। अब तक कई लोगों की सीवरेज की वजह से मौत भी हो गयी है। विधायक पांडेय ने इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए पिछले दिनों 17 साल के एक लड़के की मौत पर पीड़ित परिवार को 10 लाख मुआवजा देने की मांग की। शैलेष पांडेय ने कहा कि सीवरेज परियोजना बिलासपुर में पूरी तरह से फेल हो चुकी है। अब तक इसकी टेस्टिंग भी पूरी नहीं हो सकी है। जगह-जगह सीवरेज के नाम पर गड्ढे खोद दिये गये हैं, जिसकी वजह से आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। उन्होंने पिछले दिनों हुई 17 साल के लड़के की मौत पर दुख जताया।

योजना में जाँच की माँग और अधिकारियों और ठेकेदार पर कार्यवाही की माँग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने जांच के निर्देश दिये, जिसके बाद मंत्री रविंद्र चौबे ने इस प्रकरण में जांच की घोषणा की। घटना को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने विभागीय मंत्री को मामला संज्ञान में लेने के लिए निर्देशित किया, जिसके बाद संसदीय कार्य मंत्री श्री रविंद्र चौबे ने जाँच की घोषणा की। आपको बता दें कि बिलासपुर के तोरवा में आदित्य वैष्णव नाम के बच्चे की सिवरेज में डूबने से मौत हुई है।

