चावल वितरण की समय-सीमा बढ़ाने की मांग, राज्य सरकार ने केंद्र को लिखा पत्र

रायपुर। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने भारत सरकार को पत्र लिखकर जून से अगस्त 2025 तक के खाद्यान्न (चावल) के एकमुश्त भंडारण और वितरण की समय-सीमा बढ़ाने की मांग की है. खाद्य सचिव रीना कंगाले ने पत्र में बताया है कि राज्य में तीन माह का चांवल वितरण कार्य कई तकनीकी और भंडारण संबंधी कारणों से प्रभावित हो रहा है.

अब तक 22 दिनों में 50 लाख से अधिक हितग्राहियों को राशन दिया जा चुका है. प्रदेश में कुल 81 लाख से ज्यादा राशन कार्डधारी परिवार हैं. राज्य सरकार ने केंद्र से 23 जून 2025 तक भंडारण कार्य और 20 जुलाई 2025 तक वितरण की समय-सीमा बढ़ाने का आग्रह किया है.

ये हैं प्रमुख वजहें
बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण की चुनौती: राज्य में करीब 3.41 करोड़ बायोमैट्रिक ट्रांजेक्शन की जरूरत है, जिससे प्रक्रिया धीमी हो रही है.
मशीनों का अपग्रेडेशन: 7000 ई-पॉस मशीनों को अपग्रेड करने का काम भी साथ चल रहा है.
असामयिक बारिश का असर: मई में हुई बारिश के कारण चावल का अग्रिम भंडारण प्रभावित हुआ.
भंडारण और तौल में समय: उचित मूल्य दुकानों में तीन माह के चावल का भंडारण और तौल करने में ज्यादा समय लग रहा है.
गौरतलब है कि राज्य में 56.78 लाख राशन कार्डधारी परिवार (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम) और 24.44 लाख परिवार (राज्य योजना) को इस योजना के तहत चावल वितरित किया जा रहा है. अब शासन को केंद्र से इस प्रस्ताव पर जल्द निर्णय की उम्मीद है ताकि समय पर चावल वितरण पूरा किया जा सके.

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