अस्पताल की ट्रॉमा टीम ने लौटाई घायल युवक की आंख की रौशनी, एक्सीडेंट की वजह से टूट कर धस गई थी युवक की चेहरे की हड्डी… आंख भी जगह से हिली; हाईटेक हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने किया सफल ट्रीटमेंट

भिलाई। भिलाई के एक निजी अस्पताल में एक सड़क हादसे में 19 वर्षीय युवक के चेहरे में गंभीर छोटे आई थी. हादसे की वजह से बायी तरफ की गाल के ऊपर की हड्डी भीतर धंस गई और आंख भी अपनी जगह से हिल गयी. खैरागढ़ के इस युवक को तत्काल हाईटेक हॉस्पिटल लाया गया. मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ आफरीन आफताब एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ प्रीतम कुर्रे ने एक टीम की भांति काम करते हुए उसकी दृष्टि लौटा दी. युवक ने बताया कि कालेज से लौटते समय वह विपरीत दिशा से आ रहे एक वाहन से टकरा गया था. इससे उसका चेहरा बुरी तरह जख्मी हो गया था. सर्जरी से लेकर पूरी तरह ठीक होने के बीच कई बार उसे दिखाई देना बंद हुआ, कभी कभी एक का दो भी दिखाई देता पर अब सबकुछ ठीक है. बस चोट के निशान थोड़ा परेशान कर रहे हैं.

डॉ आफरीन ने बताया कि चेहरे की हड्डी टूट कर धंस गई थी. सबसे पहले इसे ठीक किया और आंख को दोबारा सही जगह पर लाया गया. घाव ठीक होने पर मांसपेशियों में सूजन के कारण दृष्टि में लगातार परिवर्तन होता रहा. उसे एडमिट कर डॉ प्रीतम लगातार उसकी दृष्टि की निगरानी करते रहे. दवाओं और इंजेक्शन से सूजन जाती रही. इसके साथ ही उसकी दृष्टि पूर्व की भांति लौट आई. जख्मों को पूरी तरह भरने में थोड़ा वक्त लगेगा और तब निशान भी बहुत कम रह जाएंगे. फिर भी यदि आवश्यक हुआ तो उसे प्लास्टिक सर्जरी की सलाह दी जा सकती है.

डॉ प्रीतम ने बताया कि आंखें शरीर का एक नाजुक अंग है. आखों के चारों तरफ एक सिस्टम होता है जो हादसे के कारण चोटिल हो गया था. सर्जरी के बाद आंखों के नीचे के ऊतक सख्त हो गए थे. ऐसी स्थिति में एक दवा इंजेक्ट की जाती है. इसके तीन डोज लगने थे पर एक डोज के बाद ही अच्छे परिणाम मिल गए. उसकी आंखों की पूरी जांच कर ली गई है. आंखें न केवल स्वाभाविक रूप से गति कर रही हैं बल्कि अब उनसे आंसू झरना भी बंद हो चुका है. दृष्टि भी पहले की तरह 6/6 हो गई है. डॉ प्रीतम ने बताया कि हाइटेक में आंखों को बचाने का यह दूसरा मामला है. इससे पहले एक युवक की आंख सड़क हादसे में अपने कोटर से निकल कर बाहर आ गई थी. उसे तत्काल सही स्थिति पर ला दिया गया था.

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