भिलाई। उन्हें पता नहीं था कि सड़क में जगह-जगह गड्ढे हैं। हमेशा की तरह अपने काम से एक्टिवा में मां-बेटी जा रही थी। बुधवार शाम को भी बेटी के साथ मांग निकली थी। काम निपटाकर जा रही थी। उन्हें क्या पता हमारे जिम्मेदारों ने अपना काम ठीक से नहीं किया है। बारिश में सड़क पर गड्ढों को भरने का काम होता है। वो तक हमारे जिम्मेदारों ने नहीं किया था। उस गड्ढे पर पानी भर गया था। जिसे शायद एक मां नहीं देख पाई और एक्टिवा उसी गड्ढे के ऊपर से गुजर गई। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

- गड्ढे इतने बड़े-बड़े थे कि एक्टिवा अनियंत्रित होकर गिर गई।
- मां और बेटी भी गिर पड़े। पीछे से आ रहे ट्रक ने बेटी को अपनी चपेट में ले लिया।
- अब सवाल ये है कि इस हादसे में जिम्मेदार कौन है? निगम या पीडब्ल्यूडी के वो अफसर जिन्होंने अपना काम ठीक से नहीं किया।
- अगर गड्ढे भरे होते तो शायद एक्टिवा अनकंट्रोल नहीं होती।

- अनकंट्रोल नहीं होती तो शायद ये हादसा भी नहीं होता। हादसा नहीं होता तो बच्ची की जान नहीं जाती। सवाल बहुत सारे हैं, लेकिन जवाब शायद किसी के पास नहीं होगा।
पिछले दिनों रस्तोगी कॉलेज में डायरिया की शिकायत सामने आई। - जांच रिपोर्ट में यह प्रूफ भी हुआ कि गंदे पानी की सप्लाई की वजह से छात्र-छात्राओं की तबीयत खराब हुई।

- एक बच्ची की जान चली गई। लेकिन कार्रवाई हुई तो कॉलेज मैंनेजमेंट के खिलाफ। कॉलेज मैनेजमेंट के खिलाफ एफआईआर हो गई।
- तो क्या इस मामले में निगम या पीडब्ल्यूडी के अफसरों के खिलाफ एफआईआर नहीं होनी चाहिए…?
- जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ठीक से नहीं किया।

आज हुआ क्या था…यह भी जानिए…
- ऋषभ कॉलोनी दुर्ग निवासी कुमारी मान्या 14 वर्ष अपनी एक्टिवा (सीजी 07-1725) में सवार होकर अपनी मां के साथ पोटिया चौक से महाराजा चौक की ओ जा रही थी।
- तभी गड्ढे में एक्टिवा उछल गई और नीचे गिर गए।
- इस दौरान ट्रक (सीजी 07 बीसी 8829) ने एक्टिवा सवार को पीछे से ठोकर मार दिया।

- घटना में मान्या की मौत हो गई।
- वहीं उसकी मां को भी चोट आई है।
- खबर लगने पर पुलिस मौके पर पहुंची और ट्रक को जप्त कर चालक को गिरफ्तार किया है।
- शव को पीएम के लिए दुर्ग मरच्यूरी में भेज दिया गया है।

- दुर्ग में ट्रैफिक व्यवस्था खराब होने के कारण लगातार सड़क दुर्घटना के शिकार दो पहिया वाहन चालक हो रहे हैं।
- उसके बाद भी ट्रैफिक पुलिस के जवान सड़क किनारे खड़े होकर चलान काटते नजर आते हैं।
- ट्रैफिक की व्यवस्था को दुरूस्त नहीं कर पा रहें है।
- भारी वाहनों का भी आना-जाना लगातार बढ़ रहा है।
